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Vinai Kumar Saxena बने दिल्ली के नए उपराज्यपाल, अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकार

Anil Baijal ने "व्यक्तिगत कारणों" का हवाला देते हुए दिया था इस्तीफा

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विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के प्रेस सचिव द्वारा जारी बयान के अनुसार राष्ट्रपति ने अनिल बैजल (Anil Baijal) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. विनय कुमार सक्सेना 27 अक्टूबर 2015 से खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष हैं.

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राष्ट्रपति ऑफिस से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि

"भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उपराज्यपाल पद से श्री अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. भारत के राष्ट्रपति को श्री विनय कुमार सक्सेना को उनके पदग्रहण करने की तिथि से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है"

कौन हैं दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना?

23 मार्च 1958 को जन्मे विनय कुमार सक्सेना वर्तमान में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष हैं. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल के अनुसार, उनके पास एक पायलट लाइसेंस भी है. विनय कुमार सक्सेना ने कानपुर यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है.

दिल्ली के नए उपराज्यपाल सक्सेना को 5 मार्च, 2021 को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था.

उन्होंने जेके ग्रुप में 11 वर्षों तक असिस्टेंट मैनेजर के रूप में काम किया और बाद गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखभाल के लिए जनरल मैनेजर के रूप में प्रमोट हुए.

पूर्व LG अनिल बैजल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिया था इस्तीफा 

अनिल बैजल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए बुधवार, 18 मई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेजा था. दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में अनिल बैजल ने 5 साल और 4 महीने से अधिक के लंबे कार्यकाल के बाद अपना इस्तीफा दिया .

अनिल बैजल के कार्यकाल के LG ऑफिस और आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के बीच कई बड़े विवाद सामने आये. राज्य सरकार और अनिल बैजल के बीच सबसे बड़ा आमना-सामना 2018 में हुआ था जब सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्री LG ऑफिस में ही धरने पर बैठ गए. सीएम अरविन्द केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम नहीं कर रहे हैं.

राशन योजनाओं की डोरस्टेप डिलीवरी को लेकर भी अनिल बैजल का केजरीवाल सरकार के साथ टकराव रहा.

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