कुख्यात अपराधी आंनदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद राजस्थान के नागौर में उसकी श्रद्धांजलि सभा के दौरान भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हुई, जिसमें करीब 15 लोग घायल हो गए हैं और 2 पुलिसवाले लापता हैं. आनंदपाल की मौत के बाद से ही उसके गांव सांवराद में हजारों की संख्या में राजपूत समाज के लोग जुटे हैं.
आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को हुंकार रैली का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. रैली का मकसद आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई जांच कराने के लिए दबाव बनाना था.
आनंदपाल के घरवाले मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच करवाने और जेल में बंद आनंदपाल के भाई को अंतिम संस्कार के लिए जमानत पर रिहा करने की मांग कर रहे हैं. घरवालों का कहना है कि जब तक सरकार ये मांगे नहीं मानेगी शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
24 जून को मुठभेड़ में मारा गया था आनंदपाल
कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह 24 जून को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. वो करीब डेढ़ साल से फरार था. अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरी पर भी कब्जा किया हुआ है. पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो पुलिस के साथ हाथापाई की गई. रेल मार्ग श्रतिग्रस्त हो जाने की वजह से दिल्ली-जोधपुर वाया रेवाड़ी मार्ग पर फिलहाल यातायात बाधित है. पुलिस के मुताबिक सांरवदा गांव के हालात तनावपूर्ण है. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. सरकार ने नागौर में इंटरनेट और बिजली की सप्लाई बंद कर दी है.
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
रैली में आए लोगों पर पुलिस को उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा, जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, लेकिन वो हिंसा पर उतर आए तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 6 पुलिसकर्मी शामिल हैं. घायल पुलिसकर्मियों में से दो की हालत नाजुक है. उनका जयपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं दो पुलिसवाले अभी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
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