West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पंचायत चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है. राज्य में 8 जुलाई को मतदान होना है. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की निगरानी में कराने का आदेश राज्य निर्वाचन आयोग दिया है. आइये आपको बंगाल में पंचायत चुनाव का पूरा शिड्यूल बताते हैं.
बंगाल में पंचायत चुनाव का शिड्यूल-
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 9 जून को शुरू हुई थी.
प्रत्याशियों के पास नामांकन करने का आखिरी मौका 15 जून, 2023 तक था.
नामांकन पत्रों के जांच की अंतिम तारीख 17 जून थी.
प्रत्याशी 20 जून तक अपना नाम वापस ले सकते हैं.
बंगाल में पंचायत चुनाव 8 जुलाई 2023 को होगा.
मतगणना 11 जुलाई को होगी.
पश्चिम बंगाल में कुल 22 जिले जिसमें 3,137 पंचायतें शामिल हैं. राज्य में कुल वोटर्स की संख्या 5, 67, 21, 234 करोड़ है.
किस जिले में कितनी पंचायतें?
पश्चिम बंगाल में कूच बिहार (128), अलीपुरद्वार (64), बांकुड़ा (190), वीरभूम (167), दक्षिण दिनजापुर (64), दार्जिलिंग (70), हुगली (157), हावड़ा (157), जलपाईगुड़ी (80), झाड़ग्राम (79), कलिम्पोंग (42), मालदा (146), मुर्शिदाबाद (250), नदिया (185), उत्तर 24 परगना (62), पश्चिम मेदिनीपुर (211), पूर्व मेदिनीपुर (215), पुरूलिया (170), दक्षिण 24 परगना (310) और उत्तर दिनाजपुर (98) जिला है.
राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान 22 जिला परिषदों की 928 सीटों, 9,730 पंचायत समिति सीटों और 63,229 ग्राम पंचायत सीटों पर चुनाव होंगे.
पंचायत चुनाव में TMC का दबदबा
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव को देखें तो, यहां पिछले दो बार से सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस का दबदबा रहा है. 2013 के पंचायत चुनाव में TMC ने 85 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2018 में राज्य की 90 प्रतिशत पंचायत सीटों और 22 जिला परिषदों पर टीएमसी ने कब्जा किया था. हालांकि, इन चुनावों में भी हिंसा के कई मामले सामने आये थे.
बंगाल में TMC बनाम BJP की लड़ाई!
2014 के बाद से ही पश्चिम बंगाल में बीजेपी का ग्राफ बढ़ रहा है. 2018 के पंचायत चुनाव में बीजेपी ने 5,636 से अधिक सीट पर जीत हासिल की थी. ये पहली बार हुआ था कि बीजेपी को राज्य के सभी जिलों में जीत हासिल हुई थी.
इसके बाद से बीजेपी लगातार बंगाल में मजबूती से उभर रही है. लोकसभा चुनाव 2019 और फिर 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन पहले मुकाबले काफी अच्छा रहा था. ऐसे में पार्टी, एक बार फिर पंचायत चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगी है.
वहीं, राज्य में कांग्रेस और वाम दल लगातर कमजोर होते जा रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस को इस बार बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है.
BJP-TMC ने लगाया जोर
बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर टीएमसी और बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दल राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने को लेकर चुनाव में किसी भी तरह जीत हासिल करना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने चुनाव से पहले राज्य में 3500 किलोमीटर की यात्रा शुरू कर दी है. वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम भी कई जगहों पर जनसभा कर चुकी हैं और आगे भी कई जगहों पर प्रचार करने का प्रोग्राम है.
TMC ने पूरे चुनावी कैंपेन को दो भांगों में बांटा है-जन संजोग यात्रा और ग्राम बांग्लार मोटामोट. जबकि बीजेपी भी पूरे दम के साथ मैदान में उतरी है. प्रत्याशियों के चयन से लेकर प्रचार-प्रसार तक, सब कुछ दिल्ली से तय हो रहा है.
बीजेपी सूत्रों की मानें तो, पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में पंचायत चुनाव में किसी भी कीमत पर जीत हासिल करना चाहती है. इससे पार्टी को मनोवैज्ञानिक बढ़त तो मिलेगी ही, साथ ही टीएमसी को बड़ा झटका भी लगेगा.
सेंट्रल फोर्स की निगरानी में चुनाव का आदेश
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने चुनाव में हिंसा के मद्देनजर राज्य सरकार को केंद्रीय बलों के लिए केंद्र के पास आवेदन करने को कहा है. हालांकि, इसको लेकर ममता सरकार ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)