टूलकिट मामले में 21 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि दिल्ली पुलिस की कस्टडी में हैं. इस केस में दो और नाम सामने आए हैं- निकिता जैकब और शांतनु मुलुक. निकिता और शांतनु भी दिशा की तरह ही क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं. लेकिन उसके अलावा ये दोनों क्या करते हैं और इनका नाम टूलकिट मामले में कैसे आया? आइए समझते हैं.
दूसरों के लिए आवाज उठाती रही हैं निकिता
निकिता जैकब एक वकील और क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं. इसके अलावा वो खाली समय में फोटोग्राफी, बेकिंग और ब्लॉगिंग करना पसंद करती हैं. वो 'ऐसे लोगों के लिए आवाज उठाती रही हैं, जो अपने लिए आवाज नहीं उठा सकते.'
निकिता बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं. वो पुणे के ILS लॉ कॉलेज से पढ़ चुकी हैं, और महाराष्ट्र और गोवा की बार काउंसिल की सदस्य हैं.
निकिता जैकब एसके लीगल एसोसिएट्स में सीनियर एसोसिएट और तत्त्व लीगल में एसोसिएट के तौर पर काम कर चुकी हैं. वरिष्ठ वकील गिरीश गोडबोले के चैंबर में उन्होंने तीन साल से ज्यादा वक्त तक काम किया है.
वो 26वें यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस पर काम करती हुईं कथित रूप से जागरुकता फैलाने में सक्रिय रही हैं. ये कॉन्फ्रेंस नवंबर 2021 में ग्लास्गो में होनी है. उनका काम एक्सपर्ट्स और एक्टिविस्ट्स को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी देना है.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में काम के लिए छोड़ी नौकरी
शांतनु मुलुक ने विदर्भ और मराठवाड़ा के सूखाग्रस्त इलाकों में काम करने के लिए छह महीने पहले एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी थी.
शांतनु ने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी से बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. इसके बाद वो अमेरिका के वर्जिनिया में ओल्ड डोमिनियन यूनिवर्सिटी चले गए थे.
मुलुक का परिवार बीड़ जिले के चाणक्यपुरी इलाके में रहता है. परिवार के सदस्य कहते हैं कि उनकी शांतनु से आखिरी बार बात एक हफ्ते पहले हुई थी, जब वो दिल्ली में थे. परिवार के मुताबिक, वो औरंगाबाद में काम कर रहे थे और पुणे में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना में थे.
दोस्त शांतनु को शर्मीला स्वाभाव और सम्मानित इंसान बताते हैं, जो साइंस फिक्शन फिल्में देखना और पढ़ने और ट्रेवल करने जितना ही पसंद करता है. मुलुक भारत में एक्सटिंक्शन रिबेलियन के को-फाउंडर में से एक हैं. इस संगठन को XR India के नाम से ज्यादा जाना जाता है.
टूलकिट केस में नाम कैसे आया?
दिल्ली पुलिस ने 15 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'जांच में सोशल मीडिया पर टूलकिट डॉक्यूमेंट के कई स्क्रीनशॉट मिले, जिसके बाद कोर्ट से सर्च वारंट लिया गया और इसके बाद 9 फरवरी को निकिता जैकब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.' पुलिस ने दावा किया कि निकिता टूलकिट को तैयार करने वाली टीम की एक सदस्य हैं. दावा है कि निकिता जैकब के घर पर हुई छापेमारी में दो लैपटॉप और एक आईफोन सीज किया गया.
पुलिस ने कहा, "निकिता जैकब से पूछताछ के दौरान पता चला कि उसने दिशा और शांतनू के साथ मिलकर टूलकिट डॉक्यूमेंट तैयार किया था. जिस ईमेल अकाउंट से टूलकिट बनाया गया था, वो शांतनु का था."
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