सोमवार, 8 नवंबर को कर्नाटक के हरेकला हजब्बा (Harekala Hajabba) को केंद्र सरकार ने भारत का चौथा सबसे प्रमुख नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार दिया .
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में हरेकला हजब्बा को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी इस मौके पर मौजूद थे.
कौन हैं हरेकला हजब्बा.?
कौन हैं हरेकला हजब्बा ?
हरेकला हजब्बा कर्नाटक के मैंगलोर शहर में एक संतरा विक्रेता हैं. उनकी उम्र 65 साल है. अपने गांव में स्कूल न होने की वजह से हजब्बा पढ़ाई न कर सके, लेकिन शिक्षा के प्रति समर्पण ऐसा था कि अब वो शिक्षितों के लिए भी मिसाल बनकर उभरे हैं.
मैंगलोर शहर से लगभग 35 किमी दूर स्थित न्यू पडपू, हरेकला में अपने गांव में संतरा बेचने के व्यापार से पैसे जोड़कर उन्होंने गांव के बच्चों के लिए स्कूल बनवाया और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में सफल रहे. वो खुद पढ़ाई नहीं कर सके क्योंकि उनके गांव में स्कूल नहीं था.
उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और हरेकला में एक स्कूल बनाने की दिशा में उनकी यात्रा 1995 में शुरू हुई. स्कूल के लिए और अनुमोदन के लिए जमीन प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इसका कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा था.
उनका सपना तब हकीकत में बदल गया जब 1999 में दक्षिण कन्नड़ जिला पंचायत ने एक स्कूल को मंजूरी दी. शुरुआत में ये स्कूल दक्षिण कन्नड़ जिला पंचायत लोअर प्राइमरी स्कूल 'हजब्बा आवारा शेल' (हजब्बा का स्कूल) के रूप में लोकप्रिय एक मस्जिद में काम कर रहा था.
बाद में, हजब्बा ने जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृत 40 सेंट जमीन पर स्कूल का निर्माण किया.
पद्म श्री के लिए उनका नाम जनवरी 2020 में स्वीकृत किया गया था, लेकिन कोरोना के चलते देरी के कारण उन्हें अब जाकर ये सम्मान मिला है.
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