साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर अब नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो गए हैं. इस ऐलान के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार से अपनी नई यात्रा शुरू करने को लेकर वो उत्साहित है.
प्रशांत किशोर की इस नई यात्रा से पहले जानिए उनके अब तक के सफर की 10 बड़ी बातें-
ADVERTISEMENTREMOVE AD
- पीएम मोदी और बीजेपी के साथ प्रशांत किशोर का कनेक्शन साल 2011 से ही है. गुजरात के सबसे बड़े आयोजनों में से एक 'वाइब्रैंट गुजरात' की रूपरेखा प्रशांत ने ही तैयार की थी. इसके बाद 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की टीम ने बीजेपी का कैंपेन संभाला, नतीजा ये हुआ कि मोदी लगातार तीसरी बार प्रदेश के सीएम बने.
- 2014 लोकसभा चुनाव में 'चाय पर चर्चा' सुर्खियों में रही थी. इस हटके इवेंट का कॉन्सेप्ट प्रशांत किशोर का ही था. 2014 में वो बीजेपी और मोदी के लिए कैंपेन संभाल रहे थे. नतीजा सबके सामने है. इन चुनाव के बाद से ही प्रशांत किशोर बतौर चुनावी रणनीतिकार सभी पार्टियों की पहली पसंद बनते नजर आए. कांग्रेस, जेडीयू समेत कई पार्टियों ने प्रशांत की टीम को अपने साथ जोड़ा.
- अब थोड़ा पीछे आते हैं, भारत में चुनावी कैंपेन संभालने से पहले प्रशांत किशोर बतौर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट करीब 8 साल यूनाइटेड नेशंस में काम कर चुके हैं. वो अफ्रीका में यूएन के एक मिशन के चीफ भी रह चुके हैं.
- साल 1977 में बिहार के बक्सर जिले में पैदा हुए प्रशांत किशोर के पिता बिहार सरकार में डॉक्टर थे. बिहार में ही शुरुआती पढ़ाई के बाद प्रशांत ने हैदराबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद ही वो यूएन से जुड़ गए.
- प्रशांत ने CAG (Citizens for Accountable Governance) नाम से करीब 200 प्रोफेशनल्स की एक टीम बनाई थी. इस टीम ने ही 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार का जिम्मा संभाला था.
- लोकसभा चुनाव के बाद साल 2015 में प्रशांत ने CAG को थोड़ा बदलकर I-PAC (Indian Political Action Committee) नाम की संस्था बनाई.
- 2015 विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की टीम ने नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से चुनावी रणनीति तैयारी की. इस दौरान 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' नारा काफी छाया रहा. ये कमाल पीके की टीम का ही था.
- साल 2016 पंजाब इलेक्शन में प्रशांत किशोर ने अमरिंदर सिंह के लिए चुनावी रणनीति तैयार की. नतीजा ये रहा कि कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई. इसके बाद से बतौर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अहमियत और बढ़ गई.
- साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त भी कांग्रेस के साथ जुड़े रहे लेकिन पार्टी को माकूल नतीजे नहीं मिले. फिलहाल, प्रशांत किशोर की टीम I-PAC आंध्र प्रदेश की पार्टी YSR कांग्रेस के लिए काम कर रही है.
- 16 सितंबर को प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ले ली. अब वो औपचारिक तौर पर नीतीश कुमार की पार्टी के कार्यकर्ता बन गए हैं. कहा ये जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में सीटों के लिए बीजेपी से समझौते का दारोमदार प्रशांत के ही जिम्मे होगा.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)
0