यस बैंक पर मोरेटोरियम लगा हुआ है. बैंक के व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. ग्राहकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पैसा निकालने की सीमा महीने भर में 50,000 रुपये तय की गई है. सरकार लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने यस बैंक के पुनर्निर्माण स्कीम को मंजूरी दे दी है.
सीतारमण ने कहा है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 49 प्रतिशत इक्विटी निवेश करेगा और इसी के साथ और निवेशकों को भी न्योता दिया जा रहा है.
SBI के 26 प्रतिशत निवेश के लिए तीन साल का लॉक-इन पीरियड होगा. वहीं, दूसरे निवेशकों के लिए यही लॉक-इन पीरियड उनके 75 प्रतिशत निवेश पर होगा.निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
यस बैंक का ऑथोराइज्ड कैपिटल बढ़ा
इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने बताया है कि यस बैंक का ऑथोराइज्ड कैपिटल भी बढ़ा दिया गया है. इस कैपिटल को 1100 करोड़ रुपये से 6200 करोड़ कर दिया गया है. सीतारमण ने कहा कि ऐसा बैंक की बढ़ती कैपिटल जरुरतों को ध्यान में रखकर किया गया है.
ऑथोराइज्ड कैपिटल वो पूंजी होती है, जिसे कंपनी शेयर जारी कर इकट्ठा करती है.
मोरेटोरियम कब हटेगा?
निर्मला सीतारमण ने बताया है कि यस बैंक पर से मोरेटोरियम पुनर्निर्माण स्कीम के ऐलान के तीन बाद हटा दिया जाएगा. इसके अलावा ऐलान के सात दिनों के अंदर एक नया बोर्ड बैंक को संभालेगा. इस बोर्ड में SBI के कम से कम दो निदेशक मौजूद रहेंगे.
ICICI, AXIS बैंक भी करेंगे निवेश
ICICI भी यस बैंक में निवेश करने जा रहा है. ICICI ने 13 मार्च को बताया कि उसके बोर्ड ने निवेश को मंजूरी दे दी है. ICICI 1000 करोड़ तक का निवेश करेगा. ये निवेश शेयर खरीद के जरिए किया जाएगा. ICICI 10 रुपये प्रति शेयर की दर पर यस बैंक के 100 करोड़ शेयर खरीदेगा.
वहीं, एक्सिस बैंक के बोर्ड ने यस बैंक में 600 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है. एक्सिस बैंक 8 रुपये प्रति शेयर प्रीमियम पर 2 रुपये प्रति शेयर की लागत के हिसाब से यस बैंक के 60 करोड़ तक इक्विटी शेयर खरीदेगा.
यस बैंक में कोटक बैंक ने भी 500 करोड़ का निवेश करने का फैसला किया है. कोटक बैंक 10 रुपये शेयर के हिसाब से 50 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगा. इसके अलावा HDFC भी यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा.
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