उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 17 नंवबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कोई भी विवादित बयान देने से बचने के लिए कहा है. राज्य के एक मंत्री ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री ने हमें इस मुद्दे पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचने के लिए कहा है."
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी मंत्री को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, भले ही फैसला किसी के पक्ष में आए. यह निर्देश एक बड़े कार्यक्रम के अनुरूप था जिसे भारतीय जनता पार्टी ने शुरू किया है.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी प्रयागराज में कहा कि संवेदनशील मुद्दों पर कोई जश्न नहीं मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि फैसला किसी एक पक्ष के हक में हो सकता है, लेकिन ऐसा कोई जश्न नहीं होना चाहिए, जिससे दूसरा पक्ष आहत हो, उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी कई बैठकें की हैं, जहां कैडरों को विवादित बयान देने से परहेज करने के लिए कहा गया है. जब आदित्यनाथ 26 अक्टूबर को 'दीपोत्सव' के लिए अयोध्या गए थे, तो उन्होंने संतों से मुलाकात की और उनसे किसी भी विवादित टिप्पणी पर कोई बयान नहीं देने के लिए कहा.
फैसले के मद्देनजर भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए बीजेपी आगामी सप्ताह में अपने सदस्यों के साथ बैठकें करेगी.
(इनपुट IANS)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)