ताजमहल के नजदीक यमुना में रबड़ चेक डैम बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके बनने से नदी की हालत में सुधार होगा और वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल ताजमहल के संरक्षण में मदद मिल सकेगी. गुरुवार को अपने आगरा दौरे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रबड़ चेक डैम को लेकर निरीक्षण भी किया.
रबड़ चेक डैम से ताज की नींव को मजबूती
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने आगरा में, मई 2017 में यमुना पर बैराज बनाने की घोषणा की थी. फिर सितंबर में कहा गया था कि 15 दिन में इसकी डीपीआर तैयार कर ली जाएगी. योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो जल्द ही चेक डैम का काम शुरू कर दिया जाएगा. 350 करोड रुपए की लागत से बनने वाले इस रबड चेक डैम को साल 2019 तक बनाने की योजना है.
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यलाय में इतिहास विभाग के प्रवक्ता डॉ. तरण शर्मा ने बताया कि योगी आदित्यनाथ ने ताजमहल को बचाने के लिए बहुत बड़ा काम किया है. रबड़ चेक डैम बन जाने से ताजमहल की प्रदूषण से रक्षा हो सकेगी. साथ ही ताज की कुआं आधारित नींव को नमी मिलेगी, जो ताज को बचाए रखने के लिए सबसे जरूरी काम है. अगर नींव ही नहीं बचेगी तो ताजमहल कैसे बचेगा?
इतिहासकार प्रोफेसर डॉ. सुगम आनंद ने बताया,
रबड़ चेक डैम बन जाने से ताजमहल का प्रदूषण से कुछ हद तक बचाव हो सकेगा. ताज की नींव पर लगातार खतरा बना हुआ था. चेक डैम बनने से ताज के पीछे यमुना की तस्वीर भी काफी खूबसूरत हो जाएगी. लेकिन इसके साथ ये भी जरूरी है कि यमुना में जो सीवेज सीधा बहाया जा रहा है, उसे रोका जाए वरना इस चेक डैम का भी ताज को कोई फायदा नहीं होगा.
टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े अभिनव जैन ने ताज के पीछे चेक डैम बनाये जाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पहली बार किसी नेता ने ताज के खतरे को कम करने का काम किया है.
योगी आदित्यनाथ ने ताजमहल विवाद के साये में कुछ दिन पहले ही इस बात की घोषणा की थी कि सरकार ताज को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी. यमुना पर चेक डैम बनाने की योजना इसी सिलसिले का हिस्सा है.
(इनपुट- भाषा से)
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