मनरेगा की योजनाओं में घोटाले के जरिए अवैध कमाई और मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एसके कौल एवं जस्टिस अभय ओका की बेंच ने मंगलवार को मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें एक महीने की अंतरिम जमानत दे दी। उन्होंने खुद और अपनी पुत्री के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी। लगभग साढ़े सात महीने के बाद वह पहली बार जेल से बाहर आएंगी।
गौरतलब है कि बीते 6 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास और उनसे जुड़े दो दर्जन से भी ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान उनके पति के सीए सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से ज्यादा नकद बरामद किये गये थे। इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ईडी ने उन्हें रिमांड पर लेकर कई दिनों तक पूछताछ की थी।
बाद में बीते वर्ष 5 जुलाई को ईडी ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता रामविनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ भी मनी लाउंड्रिंग की धारा 3, 4 और पीसी एक्ट की संगत धाराओं के तहत 200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।
सिघल ने इसके पहले झारखंड हाईकोर्ट में भी जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका नामंजूर कर दी थी।
--आईएएनएस
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