नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस ने विदेशी राजनयिकों की कश्मीर यात्रा पर चिंता जताते हुए कहा है कि अगर विपक्ष के नेताओं को घाटी का दौरा करने की अनुमति नहीं है, तो राजनयिकों को जाने की अनुमति क्यों दी गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "मुझे राजनयिकों की यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब विपक्षी नेताओं को जाने की अनुमति नहीं है, तो राजनयिकों को घाटी ले जाने का क्या मतलब है?"
उन्होंने सवाल किया कि राज्य के नेताओं और विपक्ष को घाटी का दौरा करने की अनुमति क्यों नहीं है?
कश्मीर घाटी में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 17 विदेशी राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को श्रीनगर पहुंचा। इन्हें हवाईअड्डे से सेना के 15 कार्प्स मुख्यालय ले जाया गया जहां उन्हें शीर्ष सैन्य कमांडरों द्वारा कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी गई।
पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर का दौरा करने वाला यह दूसरा विदेशी प्रतिनिधिमंडल है।
इससे पहले अक्टूबर 2019 में एक यूरोपीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर आया था, लेकिन तब सवाल उठाए गए थे कि जब भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को घाटी की यात्रा की अनुमति नहीं दी गई तो फिर विदेशी लोगों के दौरा करने का क्या मतलब बनता है।
गुरुवार को घाटी पहुंचे राजनयिकों से मिलने वाले प्रमुख वरिष्ठ राजनेताओं के एक समूह ने हाल ही में जम्मू में मंगलवार को उपराज्यपाल से मुलाकात की थी।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)