कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों ने आम नागरिकों को निशाना बनाया है, सोमवार रात को आतंकियों ने उस वक्त ग्रेनेड अटैक किया, जब कुछ मजदूर रात में सो रहे थे. इस हमले में यूपी के दो मजदूरों की जान चली गई है. दोनों की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी, रोजगार की तलाश में वो हजारों किलोमीटर दूर कश्मीर के शोपियां गए थे, जहां सेब के बागान में काम करते थे. उनकी मौत से उनके परिवारवाले सदमे में हैं. एक झटके में उनका परिवार बेसहारा हो गया है.
मृतक रामसागर के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं, वहीं दूसरे मजदूर मुनेश का एक बेटा और 2 बेटियां हैं. दोनों मजदूरी कर अपना परिवार चला रहे थे.
पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी लगातार आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. उनके टारगेट पर गैर कश्मीरी ही नहीं बल्कि वहां के लोकल लोग भी शामिल हैं. कश्मीर में 2022 की शुरुआत से ही टारगेट कीलिंग के केस बढ़ रहे हैं. 2 दिन पहले ही एक कश्मीरी पंडित को भी आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया और अब दो बेकसूर मजदूरों को मार दिया. पिछले कुछ महीने की घटनाओं पर नजर डालें तो आतंकियों की बंदूक के निशाने पर हिंदू-मुस्लिम, कश्मीरी- गैर कश्मीरी सब रहे हैं.
2 मार्च 2022 को पंचायत सदस्य की हत्या
इसी साल मार्च में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने एक पंचायत सदस्य मोहम्मद याकूब डार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मोहम्मद याकूब डार के घर में घुसकर आतंकियों ने गोली मारी. पुलिस ने इस मामले में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी राजा नदीन को गिरफ्तार भी किया था. इस घटना को अभी एक हफ्ते भी नहीं हुए कि आतंकवादियों ने फिर हमला किया.
9 मार्च 2022 को सरपंच को मारा
9 मार्च को आतंकियों ने पीडीपी के सरपंच समीर अहमद भट्ट को निशाना बनाया. कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने सरपंच के घर के पास गोली मारी, हैरत की बात थी कि शब्बीर को सुरक्षा भी दी गई थी, इसके बावजूद आतंकियों ने बेखौफ होकर उन पर हमला कर दिया.
21 मार्च 2022 को तजमुल मोहिउद्दीन राथर का मर्डर
21 मार्च को मध्य कश्मीर के बडगाम के गोथपोरा इलाके में तजमुल मोहिउद्दीन राथर नाम के एक शख्स को आतंकियों ने निशाना बनाया. मोहिउद्दीन राथर पर आतंकवादियों ने फायरिंग की. स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल भी ले गए, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई.
4 अप्रैल को कश्मीरी पंडित कृष्ण भट्ट की हत्या
कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर एक बार फिर कश्मीर पंडित हैं. टारगेट किलिंग में 4 अप्रैल 2022 को कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट की संदिग्ध आतंकवादियों ने चौटीगाम शोपियां में उनके घर के पास हत्या कर दी थी. 39 साल के बाल कृष्ण मेडिकल स्टोर चलाते थे.
12 अप्रैल को सतीश सिंह का मर्डर
12 अप्रैल को कुलगाम में आतंकवादियों ने एक और आम नागरिक सतीश कुमार सिंह राजपूत की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड की कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के एक आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी ली थी.
15 अप्रैल को बारामूला में सरपंच मंजूर अहमद को मारा
12 अप्रैल को आतंकियों ने सतीश कुमार को निशाना बनाया तो उसके ठीक 3 दिन बाद 15 अप्रैल को बारामूला में सरपंच मंजूर अहमद बांगरू की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस केस में 23 अप्रैल को, पुलिस ने हमलावरों के तीन सहयोगियों नूर मोहम्मद यातू, मोहम्मद रफीक और आशिक हुसैन को गोशबुग में गिरफ्तार किया था.
7 मई को पुलिस कॉन्स्टेबल की हत्या
7 मई को श्रीनगर के जोनिमार इलाके में आतंकियों ने निहत्थे पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार की गोली मारकर हत्या कर दी, गुलाम हसन डार कश्मीर के ही रहने वाले थे.
12 मई 2022
12 मई को कश्मीर के चडूरा कस्बे में तहसील में घुसकर आतंकियों ने सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट पर अंधाधुध फायरिंग की और फरार हो गए. कश्मीरी पंडित राहुल का परिवार 90 के दशक में कश्मीर छोड़कर चला गया था, लेकिन सरकारी नौकरी के लिए वो वापस अपनी पत्नी और अपने बच्चे के साथ बडगाम चले गए थे, उनकी हत्या के बाद उनके घरवाले इस बात के लिए अफसोस करते हैं कि उन्होंने अपने बेटे को वापस कश्मीर में भेजकर बड़ी गलती की थी.
कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद तमाम कश्मीरी पंडित सड़क पर भी उतरे और सुरक्षा की मांग करते नजर आए. लोगों को ये डर सताने लगा कि कश्मीर में कहीं 90 के दशक जैसे हालात ना हो जाएं.
13 मई को पुलिस अधिकारी रियाज अहमद की हत्या
13 मई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में विशेष पुलिस अधिकारी रियाज अहमद थोकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अज्ञात हमलावरों ने रियाज अहमद को सिर और सीने में गोली मारी थी.
17 मई 2022 को शराब की दुकान पर ग्रेनेड अटैक
17 मई को जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले में एक शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमले में बकरा राजौरी के रहने वाले रंजीत सिंह की मौत हो गई और तीन लोग घायल भी हुए. इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी खरीदार बनकर आए और दुकान पर ग्रेनेड फेंक दिया.
25 मई को हुई थी अमरीन भट्ट की हत्या
अमरीन सोशल मीडिया पर ड्रग्स छोड़ने, बेटी बचाओ, मदर्स डे जैसे मुद्दों पर स्क्रिप्टेड वीडियो बनाकर कश्मीर में जागरूकता फैलाने का काम भी कर रहीं थीं, लेकिन आतंकियों ने उन्हें भी नहीं बक्शा और उसे भी मौत के घाट उतार दिया.
31 मई को टीचर रजनी बाला की हत्या
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने 36 साल की कश्मीरी पंडित टीचर रजनी बाला की उस वक्त हत्या कर दी जब वो बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जा रही थीं. रजनी जम्मू के सांबा की रहने वाली थी, वो कुलगाम के गोपुलपुरा में सरकारी स्कूल में टीचर थीं. 90 के दशक में जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ था, तब उस वक्त रजनी भी अपने परिवार के साथ जम्मू शिफ्ट हो गई थीं. उन्हें केंद्र सरकार के पैकेज के तहत सरकारी नौकरी मिली थी, वो 27 साल बाद कश्मीर लौटी थी और उनके लिए ये फैसला जानलेवा साबित हुआ
2 जून को बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या
2 जून को आतंकियों के टारगेट किलिंग (Target Killing) बने विजय कुमार. आतंकियों ने बैंक में घुसकर बैंक मैनेजर विजय बेनीवाल (Vinay Beniwal) की गोली मारकर हत्या कर दी. विजय बेनीवाल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले थे. विजय कुमार बेनीवाल की 3 महीने पहले ही शादी हुई थी.
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