मुंबई के सरकारी नायर हॉस्पिटल में स्टॉफ की लापरवाही से गंभीर दुर्घटना हो गई. आरोप है कि 32 साल के राजेश मारू की MRI मशीन में खिंच जाने की वजह से मौत हो गई.
घटना के वक्त मारू एक रिश्तेदार का MRI करवाने,MRI रूम में एक मेटल के ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ गए थे. रिश्तेदार को ऑक्सीजन लगी हुई थी. MRI रूम में किसी भी तरह का मेटल प्रतिबंधित होता है.
परिवार का आरोप है कि मशीन के मैग्नेटिक फोर्स की वजह से वे मशीन के अंदर खिंचते चले गए.
परिवार वालों ने बीजेपी विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा के साथ हॉस्पिटल डीन के केबिन में विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि दोषियों के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाए.
एक वार्ड ब्वॉय, जिसने मारू को ऑक्सीजन सिलेंडर दिया था, उसे सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फड़नवीस ने पीड़ित के परिवार को 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.
मारू के रिश्तेदार निरनभाई जितिया ने डीएनए को बताया
जब मारू को कमरे में बुलाया गया तब MRI मशीन चालू थी. जैसे ही उसने कमरे में एंट्री की, मशीन ने तेजी से उसे खींच लिया. दो मिनट में उसकी मौत हो गई. तब से अभी तक हॉस्पिटल प्रशासन के किसी भी सदस्य ने अपनी गलती मानते हुए हमसे संपर्क नहीं किया है.
मारू के रिश्तेदार हरीश सोलंकी ने एएनआई को बताया कि मारू हॉस्पिटल में भर्ती उनकी मां को देखने गया था.
वो मेरी मां को देखने हॉस्पिटल गया था. हमें नहीं पता था कि उसका ये अंजाम होगा. हम सभी स्तब्ध हैं. एक वार्ड ब्वॉय ने उसे ऑक्सीजन सिलेंडर पकड़ने को दिया था. जबकि मेटल की कोई भी चीज MRI रूम में प्रतिबंधित है. यह सब हॉस्पिटल के डॉक्टर्स और प्रशासन की गलती से हुआ है.
हॉस्पिटल के डॉ सिद्धांत शाह, वार्ड ब्वॉय विट्ठल चवन और वार्ड अटेंडेंट सुनीता सुर्वे पर सेक्शन 304 (लापरवाही के चलते मौत) का मामला दर्ज किया गया है.
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