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Delhi: मंत्री पद के लिए सौरभ भारद्वाज और आतिशी का नाम LG को भेजा गया: सूत्र

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, "विपक्ष के हमलों को रोकने के लिए भी यह (इस्तीफे पर) निर्णय लिया गया है."

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दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और सत्येंद्र जैन (Satendra Jain) ने 20 फरवरी को अपना इस्तीफा सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को सौंपा जिसे स्वीकार कर लिया गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने सिसोदिया और जैन के इस्तीफे का कारण "व्यावहारिक" बताया है.

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इसके बाद पार्टी ने कहा कि दो नए मंत्रियों को जल्द ही कैबिनेट में नियुक्त किया जाएगा, सिसोदिया के 18 विभागों को अब विभाजित करने का प्रस्ताव भेजा गया है, जो कि कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद के बीच बांटे जाएंगे. अब कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को इन दोनों मंत्रियों के विभागों का अतिरिक्त प्रभार के तौर पर सौंप दिया है. गहलोत और आनंद दोनों ही अब 14-14 विभागों के मंत्री होंगे. कैलाश गहलोत के पास पहले से 6 विभाग थे, जबकि राजकुमार आनंद 4 विभागों के मंत्री थे.

गहलोत के पास अब वित्त, PWD, गृह, बिजली, योजना, शहरी विकास, सिंचाई, फूड और पानी कंट्रोल. वहीं आनंद अब शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य, विजिलेंस, उद्योग, सेवा, टूरिजम, आर्ट एंड कल्चर, लैंड एंड बिल्डिंग, श्रम और रोजगार मंत्रालय.

एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, "सीएम ने इस्ताफा मंजूर कर लिया है. उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि दिल्ली का काम रुक जाए और लोग इसका परिणाम भुगते. दो नए लोगों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी. इस स्थिति को प्रैक्टिकली सुलझाना होगा. जब सत्येंद्र जैन नहीं थे, तब सिसोदिया जी ने उनका काम संभाला. अब उन्हें एक साजिश के तहत जेल भेजा गया है, इसलिए पार्टी ने यह निर्णय लिया ताकी काम जारी रहे."

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मनीष सिसोदिया ने अपने इस्तीफे में लिखा कि, "मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे साबित होंगे. लेकिन अब जब उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं और साजिश रचकर मुझे जेल में डाल दिया है, तो मैं अब मंत्री पद पर नहीं रहना चाहता."

एक्सप्रेस ने सूत्रों के मुताबिक बताया कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया ने 26 फरवरी से पहले इस फैसले की संभावना पर चर्चा की थी, जब सिसोदिया से पूछताछ की गई और आखिरकार सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

इंडियन एक्सप्रेस ने एक आप नेता के हवाले से बताया कि, “पार्टी यह देखना चाहती थी कि जो चर्चा हुई थी, उस पर आगे बढ़ने से पहले सुप्रीम कोर्ट क्या कहता है. क्योंकि मौजूदा लोगों के साथ सरकार चलाना आसान नहीं था. वहीं एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि, "विपक्ष के हमलों को रोकने के लिए भी यह निर्णय लिया गया है."

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि, कैबिनेट पदों के लिए विधायक सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश), आतिशी (कालकाजी), दिलीप पांडेय (तिमारपुर) और दुर्गेश पाठक (राजिंदर नगर) के नामों पर विचार किया जा रहा है.

तीन बार के विधायक भारद्वाज आप की 49 दिनों की सरकार में परिवहन मंत्री थे. वह वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. आतिशी ने शिक्षा पर सिसोदिया के साथ मिलकर काम किया है. पांडे पार्टी के मुख्य व्हिप और वरिष्ठ विधायक हैं, जो पहले पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक थे. पाठक, दिल्ली विधानसभा के सबसे नए सदस्य, पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था - राजनीतिक मामलों की समिति का हिस्सा हैं.

बता दें कि, दिल्ली कैबिनेट में नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री समेत सिर्फ सात सदस्य ही हो सकते हैं.

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