नई दिल्ली/ह्यूस्टन, 23 सितम्बर (आईएएनएस)| यह रणनीतिक रूप से एक मास्टरस्ट्रोक था, जिसके तहत 50,000 भारतवंशियों की मौजूदगी ने भारतीय संसद के उस कदम का समर्थन किया, जिसके तहत कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया गया था। इस कदम को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन मिला, जिन्होंने आतंकवाद से लड़ाई का दृढ़ संकल्प लिया है। इस रणनीति में अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान का भी जिक्र था। इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी दर्शकों के लिए लाइव हुए। इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बड़ी संख्या में निर्वाचित अमेरिकी अधिकारी, गवर्नर, सीनेटर व रिप्रजेंटेटिव भी शामिल हुए। इसमें डेमोक्रेट व रिपब्लिकन शामिल रहे। रिपब्लिकन ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने का मजबूती से समर्थन किया है। मोदी ने अपनी सरकार के विकास के कदमों का हवाला दिया। उन्होंने प्रभावी रूप से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान व इसके कश्मीर पर जुनून को लेकर निशाना साधा।
मोदी एक कुशल वक्ता हैं, और उन्होंने कहा, 'अबकी बार ट्रंप सरकार'। ऐसा कहकर उन्होंने न सिर्फ 'हाउडी मोदी' आयोजन में शामिल भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया, बल्कि पूरे अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय को आगामी चुनाव में ट्रंप को वोट देने के लिए प्रेरित भी किया।
रविवार को समारोह में अपने पहले भाषण में राष्ट्रपति ट्रंप का मंच पर स्वागत करते हुए मोदी ने दोनों नेताओं व दोनों देशों के बीच घनिष्ठ मित्रता को उजागर किया। वह उनकी प्रशंसा में भावुक हो गए। उन्होंने ट्रंप की 'मेरे मित्र, भारत के मित्र, अमेरिका के महान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप' कह कर तारीफ की और उनकी हाउडी मोदी कार्यक्रम में उपस्थिति को 'असाधारण व अभूतपूर्व' बताया।
ट्रंप ने विनम्रता से जवाब देते हुए मोदी को अमेरिका का सबसे महान, सबसे समर्पित व वफादार दोस्त घोषित किया और मोदी सरकार की तारीफ की और कहा कि प्रधानमंत्री सभी भारतीय लोगों के लिए वास्तव में शानदार काम कर रहे हैं।
ट्रंप, जो 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' को लेकर उत्सुक हैं और रोजगार सृजन व व्यवसाय पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पेट्रोनेट एलएनजी और अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) डेवलपर टेल्यूरिन इंक के बीच एक दिन पहले एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है। यह अमेरिका के सबसे बड़े निवेशों में से एक है। पेट्रोनेट को 28 अरब डॉलर के ड्रिफ्टवुड एलएनजी टर्मिनल में 18 फीसदी इक्विटी के लिए 2.5 अरब डॉलर खर्च करना है। इसके साथ ही 50 लाख टन गैस प्रति साल खरीदने पर बातचीत होनी है।
ट्रंप के बाद मंच पर आने पर मोदी को इस बार हिंदी में संबोधित करना था, जिसके लिए अमेरिकी उच्चाधिकारियों को एक साथ अनुवाद के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करना था, इसे लेकर मोदी अपनी सरकार के विकास कार्यों को रखने को लेकर सावधान रहे और भारतीय मौद्रिक आंकड़े के मिलियन/बिलियन के समतुल्य आंकड़े दिए।
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