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मृदुल अग्रवाल: कैसे बने जेईई एडवांस टॉपर? कैसे की तैयारी

Mridul Agarwal कहते हैं किसी भी विषय की पढ़ाई जबरदस्ती न करें. जिस विषय में मन लगे उसको अच्छे से पढ़े.

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जेईई एडवांस परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. आईआईटी दिल्ली क्षेत्र के छात्र मृदुल अग्रवाल (Mridul Agrawal) ने जेईई एडवांस परीक्षा में टॉप किया है. एडवांस की परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र मृदुल अग्रवाल को 12वीं कक्षा में 98 प्रतिशत अंक मिले थे. 10वीं में भी 98.2 प्रतिशत हासिल किए थे. मृदुल अग्रवाल ने जेईई (एडवांस्ड) 2021 में कॉमन रैंक लिस्ट में 360 अंकों में से 348 अंक प्राप्त किए

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मृदुल का कहना है कि उनका लक्ष्य देश के टेक डेवलपमेंट में अपना योगदान देना है. मृदुल का कहना है कि छात्रों को अपनी तैयारी करते समय मोटिवेशन हाई रखना चाहिए. किसी भी विषय की पढ़ाई जबरदस्ती न करें. जिस विषय में मन लगे उसको अच्छे से पढ़े.

अपनी कामयाबी में मृदुल अपनी मां की भी बड़ी भूमिका मानते हैं. मृदुल के मुताबिक जब कभी भी उन्हें मायूसी होती थी तो वह अपनी मां के पास जाकर बैठ जाते थे

मृदुल ने कहा कि

मैं खुद पर काफी गर्व महसूस कर रहा हूं. आज एक संतोष का भाव है. अब से पहले टॉपर्स को देखकर लगता था कि कैसे ये लोग इतनी अच्छी रैंक हासिल कर पाते हैं, लेकिन आज खुद इस मुकाम पर पहुंच कर मैं काफी खुश हूं. मैंने कभी भी टाइम टेबल के आधार पर पढ़ाई नहीं की. मैं सुबह उठने के साथ ही सोच लेता था कि आज पढ़ाई का क्या टारगेट है और वह टारगेट पूरा करने के बाद ही मैं रात को सोता था.
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मृदुल ने कहा कि मैंने कक्षा आठ में टैलेंट टेस्ट दिया था. उस समय मृदुल को यह टेस्ट पास करने पर स्कॉलरशिप मिली. इसके बाद शिक्षकों के मार्गदर्शन से उन्हें भविष्य में अन्य परीक्षाओं में शामिल होने और की प्रेरणा मिली.

कोरोना और लॉकडाउन को लेकर मृदुल ने कहा कि उन्होंने घर पर ही रह कर पढ़ाई की. शुरू में जब लॉकडाउन लगा था, तब स्पष्ट नहीं था कि कितना लंबे समय तक लॉकडाउन रहेगा. हालांकि इस दौरान भी वह ऑनलाइन क्लास लेते रहे. मृदुल ने कहा कि पहले ऑनलाइन क्लासेस लेना इतना आसान नहीं था, लेकिन फिर धीरे-धीरे अधिक समय तक स्क्रीन के सामने रहने की आदत हो गई. इस दौरान कोचिंग सेंटर एलएन का भी सहयोग रहा.

मृदुल अग्रवाल अपनी इस कामयाबी में अपनी मां की भी बड़ी भूमिका देखते हैं. मृदुल ने बताया कि उनकी मां घर का सारा शेड्यूल उनकी पढ़ाई के हिसाब से तय करती थी. खाना बनाना, खाना खिलाना, पारिवारिक कार्यक्रमों में जाना सब कुछ मृदुल की पढ़ाई के शेड्यूल के आधार पर तय होता था.
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मृदुल अपने परिवार से काफी गहराई से जुड़े हुए हैं, उन्होंने बताया कि वह अक्सर अपने पिता के साथ सभी बातें शेयर करते थे. जब कभी भी मृदुल थक जाते थे या फिर उनकी मनोस्थिति कमजोर पड़ती थी तो ऐसे मौके पर उनके पिता सामने आते थे. मृदुल ने बताया ऐसी स्थिति में उनके पिता उनसे बातें करते थे या फिर एक छोटे इंटरवल के तौर पर कहीं बाहर ले जाते थे.

मृदुल का कहना है कि बीते 2 सालों के दौरान तो पढ़ाई के अलावा कोई अन्य शौक पूरा नहीं कर पाया. हां लेकिन उन्हें टेबल टेनिस का शौक है, इसके अलावा मृदुल घूमने-फिरने और आउटिंग के भी शौकीन है.

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