दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया गैंगरेप कांड के नाबालिग अपराधी की रिहाई को रोकने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग अपराधी की रिहाई के बाद उसकी निगरानी बाल सुधार गृह द्वारा बाल सुधार कानून के तहत ही होनी चाहिए.
इसी बीच दिल्ली सरकार ने कहा है कि नाबालिग अपराधियों के सुधार की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू करेगी.
पीड़िता ज्योति के माता-पिता ने कोर्ट केे इस फैसले पर शोक व्यक्त किया है -
कोर्ट कानून के अनुसार फैसला करेगा लेकिन मुझे बताया गया था कि एक समिति इस अभियुक्त को हिरासत लिया जाएगा. मैं आशा करता हूं कि ऐसा ही हो. हम संतुष्ट नहीं हैं. हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. छोटी-छोटी 2 साल की बच्चियों के खिलाफ भी ऐसे अपराध किए जा रहे हैं तो हम अपनी लड़ाई कैसे बंद कर सकते हैं.बद्री सिंह पांडेय, ज्योति के पिता
हमारी इतनी कोशिशों के बाद भी ये अपराधी आजाद घूमेगा. हमें इंसाफ नहीं मिला है.आशा देवी, ज्योति की मां
केंद्र सरकार की दलीलों को सुनने और नाबालिग अपराधी की रिहाई के बाद की योजना को पढ़ने के बाद कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया.
कोर्ट के फैसले पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा -
मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. वर्तमान कानूनों के अनुसार ये एक अच्छा फैसला है. हम ये बात मानते हैं कि हमारे कानून में इतनी जगह है जिसमें आरोपी को सुधार का मौका दिया जाता है. लेकिन अगर अपराधी के न सुधरने पर हमारे पास कोई तरीका नहीं है.सुब्रमण्यम स्वामी, बीजेपी नेता
सुब्रमण्यम स्वामी ने नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह में ही रखने की मांग की थी.
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