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अलका लांबा से न तो किसी ने इस्तीफा मांगा और न उन्होंने दिया : आप  

आप में मचे घमासान को कंट्रोल का जिम्मा संजय सिंह को 

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दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्न वापसी के प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी में मचे बवाल को थामने की कोशिश शुरू हो चुकी है. आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम ने मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर पार्टी विधायक अलका लांबा के इस्तीफे की खबरों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि अलका से न तो किसी न ने इस्तीफा मांगा और न ही उन्होंने इस्तीफा दिया.

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पार्टी में घमासान रोकने की कोशिश तेज

सिसोदिया के इस बयान को राजीव गांधी के भारत रत्न की वापस लेने से जुड़े प्रस्ताव पर पार्टी में मचे घमासान को रोकने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से भी पार्टी के किसी भी सदस्य को मीडिया में बयानबाजी न करने को कहा गया है. पूरा बवाल विधानसभा में पेश उस प्रस्ताव पर मचा है, जिसमें कथित तौर पर यह लिखा गया था कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस ले लिया जाए.

पार्टी एमएलए अलका लांबा इसका बहिष्कार करते हुए सदन से वॉकआउट कर गई थीं. उनका कहना है राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की बात प्रस्ताव में था. जबकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस प्रस्ताव को पार्टी विधायक जरनैल सिंह ने हाथ से लिख दिया था.

जरनैल सिंह- राजीव गांधी वाली बात अपने हाथ से लिखी

जरनैल सिंह ने अरविंद केजरीवाल की बात पर मुहर लगाते हुए कहा कि ‘राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की बात ओरिजनल रेजोल्यूशन में नहीं थी. यह मेरी भावना थी. तकनीकी तौर पर यह नोटिस में नहीं थी.’

दरअसल इस मामले पर अलका लांबा जब सदन से वॉकआउट किया तो उनके इस्तीफे की बातें उड़ने लगीं. सूत्रों का कहना है कि मामला संभल जाता, अगर अलका ने ट्वीट न किया होता. अलका ने ट्वीट में प्रस्ताव की वह कॉपी डाल दी थी, जिसमें राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की बात थी. 

यह बात इसमें प्रिटेंड थी. जबकि पार्टी दावा करती रही कि प्रस्ताव में यह बात नहीं थी, इसे जरनैल सिंह ने हाथ से लिख दिया था.इससे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठजोड़ की कोशिश को करारा झटका लगा है.

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संजय सिंह को मामले को सुलझाने का जिम्मा

आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह को इस मामले को सुलझाने का जिम्मा दिया गया है. उन्हें अलका लांबा से बातचीत के लिए कहा गया है. अलका लांबा का कहना है कि वह राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग का प्रस्ताव मंजूर नहीं कर सकती.

सोनिया गांधी उनकी मेंटर रही हैं. इसलिए जब सदन में यह प्रस्ताव लाया गया तो वह वॉकआउट कर गईं. अलका ने ट्वीट कर लिखा था कि उन्हें यह मंजूर नहीं था. इसके बाद उनके इस्तीफे की खबरें आने लगी थीं.


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