सरकार ने लोकसभा सत्र के पहले सोमवार को 11 बजे से ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है. मीटिंग के जरिए सरकार, सत्र को सुचारू तरीके से चलाने के लिए विपक्ष के सहयोग को हासिल करना चाहेगी. मीटिंग के मुख्य एजेंडे पर सरकार की कोशिश ट्रिपल तलाक समेत अन्य मुद्दों पर विपक्ष का समर्थन लेने की रहेगी.
लोकसभा का नया सत्र 11 दिसंबर से चालू हो रहा है. पारंपरिक तौर पर सत्र शुरू होने से पहले ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई जाती है. इसमें प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रहेंगे.
सत्र के बेहद हंगामेदार होने के आसार हैं. इसमें राफेल डील समेत किसानों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा होने के आसार हैं. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही इस बात का संकेत दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि राफेल एक बड़ा घोटाला है, इस मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट कर संसद में उठाया जाएगा.
मीटिंग की घोषणा 4 दिसंबर को ही हो चुकी थी. आमतौर पर सत्र नवंबर में शुरू होता है, लेकिन इस बार तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के चक्कर में सत्र दिसंबर में हो रहा है. बता दें सत्र शुरू होने के दिन ही मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों के नतीजे भी आने हैं.
विपक्षी पार्टियों ने भी बुलाई मीटिंग
विपक्षी पार्टियों ने आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए महागठबंधन की कोशिश तेज कर दी है. इसके लिए सोमवार को विपक्षी पार्टियों की मीटिंग होगी. टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू मीटिंग को कोर्डिनेट कर रहे हैं. मीटिंग की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, मीटिंग का मुख्य एजेंडा एक गैर बीजेपी एलायंस की दिशा में पहल रहेगी.
माना जा रहा है कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी मीटिंग में पहुंचेंगे. मीटिंग में संसद सत्र में राफेल मुद्दे और किसानों के कर्ज पर सरकार को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है.
मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी नेता शरद पवार दिल्ली पहुंच चुके हैं. उनके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला, सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी और सीपीआई से सुधाकर रेड्डी मीटिंग में हिस्सा ले सकते हैं.
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