कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे अशोक गहलोत की साख पर सवाल उठने लगे हैं. इसके पीछे का कारण राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम को बताया जा रहा है. अभी तक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे दिख रहे थे, लेकिन अब उन्हें मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक से चुनौती मिल सकती है. बताया जा रहा है कि ये चारों नेता भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं.
केसी वेणुगोपाल
केसी वेणुगोपाल मौजूदा समय में कांग्रेस के संगठन महासचिव हैं और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद भी हैं. वेणुगोपाल को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. केरल से विधायक और केरल सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा वो केरल की अलाप्पुझा लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए केसी वेणुगोपाल का बड़ा पक्ष गांधी परिवार का करीबी होना है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और छात्र राजनीति से कांग्रेस के संगठन महासचिव के पद तक पहुंचना बताता है कि संगठन में पकड़ भी अच्छी है. इसके अलावा राज्य में कैबिनेट मंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक प्रशासनिक अनुभव भी है और सबसे बड़ी बात ये कि वेणुगोपाल राहुल गांधी के सबसे विश्वस्त हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का अध्यक्ष पद के लिए प्लस प्वाइंट ये है कि उनके पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव है. गांधी परिवार के करीबी हैं और संगठन में भी पकड़ अच्छी है. कर्नाटक से आने वाले खड़गे मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद हैं. कर्नाटक प्रदेशाध्यक्ष और केंद्रीय रेलवे मंत्री भी रह चुके हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन भी रह चुके हैं. खड़गे के पास संगठन और सरकार दोनों का अनुभव है.
मुकुल वासनिक
महाराष्ट्र से आने वाले मुकुल वासनिक मौजूदा समय में राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं. गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले वासनिक यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. 1984 से लेकर 1986 तक वह कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI और 1988 से लेकर 1990 तक भारतीय यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. कांग्रेस महासचिव और कई राज्यों के प्रभारी भी रह चुके हैं. वासनिक के पास भी संगठन से लेकर सरकार तक का अनुभव है.
दिग्विजय सिंह
मध्यप्रदेश से आने वाले दिग्विजय सिंह कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं. मौजूदा समय में मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा कांग्रेस महासचिव के पद पर भी रह चुके हैं. इनके पास भी एक लंबा राजनीतिक अनुभव है. संगठन से लेकर सरकार का अनुभव है. गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में ये चारों नेता गहलोत को चुनौती दे सकते हैं.
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