मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति को लेकर बीजेपी की आलोचना की है, उन्होंने कहा कि पहले भी इस मामले में बीजेपी मुंह की खा चुकी है. तबसे ही उनके दिल में ये टीस थी कि कब हम ईडी, सीबीआई और आयकर का उपयोग करें, डराएं-धमकाएं. 2-2 मंत्री (नवाब मलिक और अनिल देशमुख) जेल में बैठे हुए हैं, जमानत तक नहीं होने दी जा रही है. यह देश के अंदर लोकतंत्र को नष्ट करने का षड्यंत्र है. गहलोत ने कहा कि
हम जो बार-बार कह रहे हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, इसका इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि मध्यप्रदेश की सरकार पर कब्जा कर लिया गया. एक-एक विधायक से 35-35 करोड़ रुपए का सौदा हुआ.
दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार को भी दो साल पहले गिराने का प्रयास किया गया. उन्होंने जुलाई, 2020 में सचिन पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक की बगावत के प्रकरण का परोक्ष रूप से हवाला दिया और कहा कि उन्होंने ऐसा सुना है कि होटल में रहने के दौरान इन विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये बांट भी दिए गए थे. बाद में पता नहीं क्या हुआ,
मुझे यह कहते हुए गर्व है कि राजस्थान के हमारे विधायक 34 दिन तक मेरे साथ रहे, कुछ नहीं मिला, बाहर निकलते ही पहली किस्त के तौर पर 10 करोड़ रुपये की पेशकश थी, तब भी कोई नहीं गया और अभी राज्यसभा चुनाव के अंदर भी आपने देखा कि तीनों सीटें हमने जीती हैं. गहलोत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हर राज्य की अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं, वो एक नया प्रयोग था उनका, उसमें उन्होंने कामयाबी हासिल कर ली. इन्होंने मध्यप्रदेश में जो कुकर्म किया है, उसको हम समझ गए थे टाइमली, हमने पूरा उसी ढंग से बिहेव किया और उसके बाद में हम कामयाब हो गए.
फडणवीस पर अटैक?
मुख्यमंत्री गहलोत ने महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कहा कि पहले भी जो तमाशा हुआ था, वो सबके सामने है, अचानक साढ़े 6 बजे शपथ करवा दी गई और बधाइयां मिलने लग गईं और मिस्टर फडणवीस जो शपथ लेने वाले थे उन्होंने वापस ट्वीट किया कि मोदी है तो मुमकिन है, मतलब मोदी है तो देश के अंदर सबकुछ मुमकिन है, जुर्म भी है, अन्याय भी है, अत्याचार भी है, उत्पीड़न भी है, सबकुछ संभव है, बाद में उनको मुंह की खानी पड़ी, तबसे ही उनके दिल में ये टीस थी कि कब हमें मौका लगे, कब हम ईडी का उपयोग करें, डराएं-धमकाएं सीबीआई से, इनकम टैक्स से और वो ही देख रहे हैं.
गहलोत ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि
बीजेपी देश में क्या गवर्नेंस कर रही हैं? जब महंगाई है, बेरोजगारी है, अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है, ऐसे के अंदर आप ईडी का नोटिस दे रहे हो सोनिया गांधी को और राहुल गांधी को, अग्निपथ लेकर आ रहे हो ग़ुमराह करने के लिए बच्चों को, आप चाहते क्या हैं? एक अपील प्रधानमंत्री मोदी नहीं कर पा रहे हैं देशवासियों से कि देश में शांति-सद्भाव-भाईचारा कायम रहे, हिंसा को कोई हमारी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी, राज्य सरकारों को मैं कहना चाहूंगा कोई राज्य सरकार जहां वॉयलेंस होता है उसको बर्दाश्त नहीं करे, ये कहने में ही हर्ज है मोदी जी को?
गहलोत ने आगे कहा कि विपक्ष बोल रहा है, हम लोग मांग करते हैं मुख्यमंत्री के रूप में, पर न मोदी कर रहे हैं, न अमित शाह कर रहे हैं, तो आप सोच सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है, ऐसे विकास होगा देश का? जहां अशांति होती है, झगड़े होते हैं, हिंसा होती है, वहां विकास होता है क्या? तो हालात बड़े गंभीर हैं देश के अंदर.
अब महाराष्ट्र का देखिए आप, पता नहीं, मालूम करेंगे कि क्या हो रहा है वहां पर, पर ये उनका जो प्रयास है सरकार गिराने का, ये तो एक प्रकार से दुनिया के सामने ओपन हो गया है, इतना बड़ा षड्यंत्र इन्होंने किया है, कैसे किया गया, कैसे हॉर्स ट्रेडिंग हो रही होगी, क्या सौदे हो रहे होंगे, वो तो वो जानें और उनकी आत्मा जाने.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)