मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार गिराने के संकेत दिए हैं. बीजेपी ने कहा है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है. इसके लिए अब पार्टी ने गवर्नर को चिट्ठी लिखकर विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है. जिसमें कमलनाथ सरकार को अपना बहुमत साबित करना होगा.
भार्गव ने कहा कि एग्जिट पोल के अनुसार एक बार फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस को दो से तीन सीटें मिलने वाली हैं, यह इस बात का संकेत है कि वर्तमान सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है. इसलिए उनकी मांग है कि राज्य विधानसभा का सत्र बुलाया जाए
बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कहा, हमने गवर्नर से चिट्ठी लेकर जल्द विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लोगों का सपोर्ट मिल रहा है, बहुत दिन हो चुके हैं और कई ज्वलंत मुद्दे हैं. जिसके चलते हमने सत्र बुलाने की मांग की है. इनके साथ एक बीएसपी और एक समाजवादी पार्टी का है. चार निर्दलीय विधायक हैं. ऐसी परिस्थिति में हम ये नहीं कह सकते हैं कि सरकार स्थिर है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि हम जोड़-तोड़ में विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन ये सरकार दीर्घकालिक नहीं है. जल्दी इसे जाना होगा. भार्गव ने आगे कहा, "विधानसभा सत्र में सत्ताधारी दल की शक्ति का भी परीक्षण हो जाएगा. कांग्रेस के पास दूसरों के सहयोग से बहुमत है, बीजेपी चाहती तो वह भी जोड़-तोड़ करके सरकार बना सकती थी, लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं किया.”
क्या है मध्य प्रदेश की सीटों का समीकरण?
मध्य प्रदेश में पिछले साल के अंत में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन कांग्रेस को कुछ और विधायकों का साथ लेना पड़ा. राज्य की विधानसभा में 230 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 114 और बीजेपी के 109 विधायक हैं. कांग्रेस सरकार दो बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), एक समाजवादी पार्टी (एसपी) और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है.
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