पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने प्रदूषण पर बुलाई गई संसदीय कमेटी की मीटिंग से गायब रहने पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि अगर जलेबी खाने से पॉल्यूशन बढ़ा है तो वो जलेबी खाना छोड़ देंगे. गौतम गंभीर संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. इससे पहले गंभीर को दिल्ली में प्रदूषण पर बुलाई गई एक हाई लेवल मीटिंग में हिस्सा लेना था, लेकिन वो इंदौर में कंमेंट्री कर रहे थे. इस मामले को लेकर विपक्ष ने उन पर जमकर निशाना साधा था.
गौतम गंभीर ने संसद पहुंचकर मीडिया को प्रदूषण से निपटने वाली बैठक में शामिल नहीं होने का कारण बताया. उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा,
“मुझे पता है कि यह बैठक काफी अहम थी, लेकिन मैं कॉन्ट्रैक्ट में बंधा हुआ था. मैंने जनवरी में कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया था और अप्रैल में राजनीति में शामिल हुआ. कॉन्ट्रैक्ट के तहत मुझे कंमेंट्री करने के लिए जाना पड़ा. 11 नवंबर को मुझे बैठक का मेल मिला और उसी दिन मैंने उन्हें बताया था कि मैं किस कारण से मीटिंग में शामिल नहीं हो सकता हूं.”गौतम गंभीर, बीजेपी सांसद
गंभीर ने कहा कि "अगर मेरी जलेबी खाने से दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा है तो मैं हमेशा के लिए जलेबी खाना छोड़ सकता हूं. 10 मिनट में मुझे ट्रोल करना शुरू कर दिया. अगर इतनी मेहनत दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए की होती तो हम सांस ले पाते."
जलेबी वाली फोटो पर बवाल
जब दिल्ली में खतरनाक हो चुके प्रदूषण पर बैठक बुलाई गई थी, तभी गौतम गंभीर की एक फोटो वायरल हुई. इस फोटो में सांसद गौतम गंभीर जलेबी खाते हुए दिख रहे थे. इस फोटो को विपक्षी नेताओं ने जमकर शेयर किया और आरोप लगाया कि दिल्ली के सांसद इंदौर में जलेबी का मजा ले रहे हैं. गौतम गंभीर की ये फोटो पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने शेयर की थीं.
प्रदूषण पर बुलाई गई इस हाई लेवल मीटिंग में सांसद गौतम गंभीर के अलावा कई बड़े अधिकारी भी शामिल नहीं हुए. इस मीटिंग में पर्यावरण मंत्रालय से लेकर डीडीए और एमसीडी के अधिकारियों को शामिल होना था. लेकिन बड़े अधिकारियों ने शामिल होना मुनासिब नहीं समझा.
गंभीर ने दिया था जवाब
गौतम गंभीर ने विवाद होने और खुद पर आरोप लगने के बाद इंदौर से ही सफाई दी थी. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा था कि अपने क्षेत्र और शहर के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को वहां हो रहे काम से आंका जाना चाहिए. उन्होंने अपने इलाके में हुए काम का जिक्र किया है और कहा है कि लोग मुझे मेरे बारे में क्षेत्र में हुए काम से फैसला लेंगे. दिल्ली के 'ईमानदार सीएम' के चापलूसों से किए जाने वाले प्रोपगंडा से नहीं.
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