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Budget में बिल्डरों और खरीदारों को राहत, कैपिटल गेंस टैक्स में छूट

रेंटल इनकम पर टीडीएस की लिमिट बढ़ी

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कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अपनी सरकार के आखिरी बजट में रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डरों और खरीदारों को राहत देते हुए कई ऐलान किए हैं.

बिल्डर या ग्राहक अगर एक घर बेचकर उस रकम से दो घर खरीदते हैं, तो उस पर कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगेगा. बिल्डरों को बिना बिके हुए घर टैक्स छूट दी गई है. उन्हें बिना बिके घरों पर 2 साल तक कोई टैक्स नहीं देना होगा.

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रेंटल इनकम पर टीडीएस की लिमिट बढ़ी

इसके अलावा, सस्ता घर खरीदने पर इनकम टैक्स छूट एक साल बढ़ गई है और दूसरा घर होने पर नोशनल रेंट पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने रेंटल इनकम पर टीडीएस की लिमिट बढ़ा दी है. रेंटल इनकम पर टीडीएस 1.8 लाख से बढ़ाकर 2.4 लाख रुपये करने का ऐलान किया गया है.

बजट में घर खरीदारों पर जीएसटी का बोझ कम करने पर भी चर्चा हुई. पीयूष गोयल ने कहा, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स इसकी संभावनाओं पर विचार करेंगे. इसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा.

RERA के जरिए कसा शिकंजा

अपने बजट भाषण में पीयूष गोयल ने कहा, रियल एस्टेट सेक्टर से भ्रष्टाचार दूर करने के लिए रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटटी (RERA) बनाया गया. उन्होंने कहा, रेरा से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आई और भ्रष्टाचार पर लगाम लगी.

पीयूष गोयल ने कहा, "हम पारदर्शिता के नए दौर में चले गए हैं. रेरा कानून और बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आई है. भगोड़े आर्थिक अपराधी अब बच नहीं सकते."

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क्या है नोशनल रेंट?

आजकल होम लोन की सुविधा आसान मिल जाने और कम ब्याज दर होने के कारण कई लोग एक से ज्यादा घर खरीद या बनवा लेते हैं. आईटी एक्ट के तहत, ऐसे लोग अपनी पसंद के किसी एक घर पर अपना मालिकाना हक जमा सकते हैं. बाकी घरों को किराए पर मान लिया जाता है. उन घरों पर किराए का आकलन करके सरकार को टैक्स देना पड़ता है. बजट में सरकार ने दूसरे मकान में नोशनल रेंट पर टैक्स में छूट दी है.

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