नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शनों और अलग-अलग विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा को देखते हुए आज विपक्षी दलों की एक बैठक होने जा रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक के जरिए विपक्ष नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ आगे की रणनीति और एकजुटता दिखाने की कोशिश करेगी.
हालांकि, कांग्रेस द्वारा बुलाए गए विपक्षी दलों की इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और आम आदमी पार्टी (आप) शामिल नहीं होगी.
कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को सोमवार को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है. सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में सभी विपक्षी दल आज दोपहर दो बजे संसद उपभवन में बैठक करेंगे.
इस बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), द्रविड़ा मुनेत्र कजगम (डीएमके), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, लेफ्ट, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (एसपी) समेत कई पार्टियों शामिल होंगी.
मायावती की नाराजगी
कांग्रेस के साथ अपने मतभेद के चलते बीएसपी इस मीटिंग से दूर रहेगी. मायावती ने मीटिंग में शामिल ना होने की वजह भी बताई है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि राजस्थान में बीएसपी ने कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दिया था, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने बीएसपी विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा,
“जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है. ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी.”मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
ममता ने भी बैठक के लिए कहा - ना
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. ममता बनर्जी ने अभी हाल ही में ट्रेड यूनियन की हड़ताल के दौरान लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों की वजह से कहा था कि वह विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने कहा था कि मैंने ही विपक्ष को बैठक का विचार दिया था. राज्य में जो हुआ, इसकी वजह से मेरे लिए अब बैठक में शामिल होना संभव नहीं है.
अब तीन पार्टियों के बैठक में ना शामिल होने से विपक्षी एकता को एक बार फिर झटका लगा है. फिलहाल देखना है कि इस बैठक में कितने दल शामिल होते हैं और आगे की क्या रणनीति बनती है.
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