महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) की मौत मामले में CBI ने अपनी शुरुआती जांच के बाद शनिवार 20, नवंबर को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिसमें सीबीआई ने माना है कि महंत नरेद्र गिरी की मौत हत्या नहीं थी, बल्कि उनकी जान खुदकुशी के चलते गई थी.
CBI ने आईपीसी की धारा 306 और 120 बी के तहत ये चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें महंत की हत्या की थ्योरी गलत साबित हो गई है.
हालांकि, महंत नरेंद्र गिरी मौत के लिए तीन लोगों आनंद गिरि,आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया है.
CBI ने आरोप लगाया है कि इन तीनों ने ही सुनियोजित साजिश के तहत महंत नरेंद्र गिरी को उकसाया था, लेकिन अभी इसमें किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है.
CBI ने इन आधारों पर की पुष्टि
CBI ने अपनी चार्जशीट में उन सभी बातों का जिक्र किया है, जिनके आधार पर महंत नरेंद्र गिरी के जान जाने की वजह खुदकुशी साबित होती है.
महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद जो सुसाइड नोट मिला था, उसकी हैंडराटिंग की जांच कराकर CBI ने कंफर्म किया है कि ये सुसाइड नोट उन्होंने ही लिखा था. इसके अलावा मौत से पहले जो वीडियो बनाया गया था, वो भी उन्होंने ही बनाया था.
महंत नरेंद्र गिरी ने मौत से पहले अपने 2 सेवादारों से बात की थी. इस बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा था कि क्या फोटो और वीडियो में चेहरा बदलकर गलत वीडियो बनाया जा सकता है.
सीजेएम कोर्ट ने इस चार्जशीट का संज्ञान लिया है और मामले में आरोपी आनंद गिरी को भी चार्जशीट की एक कॉपी बनाने का निर्देश दिया है.
आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई
कोर्ट ने मामले में तीनों आरोपियों की आनंद गिरि,आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी की न्यायिक हिरासत को 25 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है.इसके बाद अब आनंद तिवारी के वकील हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे. मामले की अगली सुनवाई भी 25 नवंबर को ही होगी.
CBI ने कहा है कि वो अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भी जांच कर रही है और मामले की जांच पूरी होने के बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जा सकती है.
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