आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने पहुंचे राहुल गांधी समेत 12 विपक्षी नेताओं को वापस भेज दिया गया. श्रीनगर एयरपोर्ट से दिल्ली वापस लौटकर राहुल गांधी ने कश्मीर के हालत को भयावह बताया, साथ ही पत्रकारों से बदसलूकी की भी बात कही.
मैं जम्मू-कश्मीर गवर्नर के बुलावे पर वहां गया था. हम देखना चाहते थे कि वहां हालात कैसे हैं लेकिन हमें एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं जाने दिया गया. वहां पत्रकारों के साथ बदसलूकी की गई और उन्हें पीटा गया. इससे ये साफ है कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है.राहुल गांधी
12 विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने श्रीनगर से लौटकर कहा, "हमें शहर में जाने की अनुमति नहीं दी गई. जम्मू-कश्मीर की स्थिति भयावह है. हमने अपनी फ्लाइट में मौजूद कश्मीर के यात्रियों से जो कहानियां सुनीं, वो एक पत्थर से भी आंसू निकाल देगी."
बता दें, विपक्षी दलों का एक डेलिगेशन 24 अगस्त को श्रीनगर पहुंचा. इस डेलिगेशन में राहुल गांधी के साथ सीपीएम, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी के नेता भी शामिल थे. उनके साथ कुछ न्यूज चैनल के पत्रकार भी थे. लेकिन सभी को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया गया. इसके बाद विपक्षी डेलिगेशन ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम के डीएम को खत लिखकर उन्हें एयरपोर्ट पर रोके जाने पर आपत्ति जताई है.
जम्मू-कश्मीर के गवर्नर बोले, राहुल गांधी की यहां कोई जरूरत नहीं
राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं को जम्मू-कश्मीर से वापस लौटाने पर गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा है कि राहुल गांधी की यहां कोई जरूरत नहीं है. मलिक ने कहा, "अब उनकी कोई जरूरत नहीं है, उनकी जरूरत तब थी जब उनके सहयोगी संसद में बोल रहे थे. तब खड़े होकर बोलते कि हमारा ये कहना है. अब हालात सामान्य हो रहे हैं. लोगों को इसके फायदे समझा रहे हैं. ऐसे में अगर वो लोगों में आग लगाने, उन्हें भड़काने के लिए श्रीनगर आते हैं, तो ये ठीक बात नहीं है."
सत्यपाल मलिक ने कहा, "अगर राहुल यहां आकर हालात बिगाड़ना चाहते हैं तो ये ठीक नहीं. मैंने उन्हें सद्भाव से यहां बुलाया था लेकिन वो राजनीति करने लगे. पार्टियों को इस समय देशहित को ध्यान में रखना चाहिए."
कांग्रेसियों को कश्मीर में खून खराबा चाहिए: J&K बीजेपी चीफ
विपक्षी दलों के डेलिगेशन का श्रीनगर पहुंचने पर जम्मू-कश्मीर के बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना ने दावा किया कि कांग्रेसियों को घाटी में खूनखराबा चाहिए. रैना ने आर्टिकल 370 को रद्द करने के फैसले के विरोध में विपक्ष पर स्थानीय युवाओं को उकसाने का आरोप लगाया.
रविंदर रैना ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ये सभी नेता जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा करेंगे और वहां शांति की अपील करेंगे. वो आम युवाओं को नहीं उकसाएंगे. पिछले 15 दिनों से, हमने देखा है कि युवाओं को सड़कों पर आने के लिए वो आम लोगों को उकसा रहे हैं. कांग्रेसी कश्मीर घाटी में खूनखराबा चाहते हैं."
उन्होंने ये भी कहा, "जन्माष्टमी के इस पवित्र दिन पर, कांग्रेस नेताओं और अन्य वामपंथी नेताओं को शांति, सद्भाव, भाईचारा, एकता और देशभक्ति का संदेश देना चाहिए."
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