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Sonia Gandhi चिंतन शिविर में दिल खोलकर हंसीं, उनकी बातें सुन चौके कांग्रेस नेता

Congress Chintan Shivir: कुछ नेताओं ने कहा कि उन्होंने भाषण देते समय Sonia Gandhi को इतना हंसते कभी नहीं देखा था

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राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) के आखिरी दिन अपने समापन भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना एक अलग अंदाज सबके सामने रखा. उन्होंने अपने आठ मिनट के छोटे भाषण में खुद अपनी चुटकी ली और वहां मौजूद नेताओं को ठहाके लगाने का मौका दिया, यह कुछ ऐसा है जो उनके सार्वजनिक भाषणों की विशेषता नहीं रही है.

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हम सोनिया गांधी के इस अंदाज को अस्वाभाविक इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सोनिया गांधी के फॉलोवर आमतौर पर उनके भाषणों के लिए "सम्मानजनक", "मजबूत" या "पैना" जैसा शब्दों का उपयोग करते हैं, जबकि दूसरी तरफ उनके आलोचक इसे "नीरस" कहते हैं.

उदयपुर में सोनिया गांधी का भाषण अलग था क्योंकि यहां सोनिया गांधी बेहद सहज लग रही थीं और कई मौकों पर उन्हें हंसते हुए देखा जा सकता था.

"इंतजाम करना होगा ताकि हम बिना हांफे यात्रा में भाग ले सकें"

उदाहरण के लिए जब उन्होंने अपने भाषण के दौरान इसकी घोषणा की कि कांग्रेस 2 अक्टूबर से एक कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा आयोजित करने की योजना बना रही है, सोनिया गांधी ने खुद अपना और दूसरे "वरिष्ठ" कांग्रेसी नेताओं का मजाक उड़ाया.

उन्होंने कहा, "हम सभी...युवा और बूढ़े (हंसते हुए)...युवा और बूढ़े इसमें (पदयात्रा) में भाग लेंगे"

उन्होंने आगे हंसते हुए कहा "हमें मेरे जैसे सीनियरों को साथ ले जाने के तरीके खोजने होंगे ... ताकि हम बिना हांफे पदयात्रा में भाग ले सकें और भगवान जाने और क्या न कर सके"

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"लगा शाम अपने बड़े परिवार के साथ बिताया"

अपने भाषण में सोनिया गांधी ने प्रमुख मामलों पर कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने के लिए नेताओं की एक नई बॉडी बनाने के बारे में बात की. यह कहते हुए उन्होंने कहा कि "उम्मीद है कि CWC भी पहले से ज्यादा बैठक करेगी".

15 जून को जिला स्तरीय जन जागरण अभियान के दूसरे चरण की घोषणा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "यह बहुत गर्मी का समय है..लेकिन यह होगा".

सोनिया गांधी ने अपना भाषण एक पर्सनल नोट से खत्म किया. उन्होंने कहा

"मैं एक पर्सनल नोट के साथ अपनी बात खत्म करना चाहती हूं. पिछली रात मैंने अशोक गहलोत जी द्वारा आयोजित डिनर में यह महसूस किया कि मैंने अपने परिवार और अपने बड़े परिवार के साथ शाम बिताई है. जब कुछ युवा साथियों के साथ विचार मिले तो मैं बहुत प्रभावित हुई. मुझे आशा है कि यह वह भावना है जिसमें हम यहां से जाएंगे".

चिंतन शिविर के समापन भाषण के दौरान सोनिया गांधी के अनौपचारिक और मजाकिया लहजे पर वहां मौजूद कई नेताओं को थोड़ी हैरानी हुई. कुछ नेताओं ने बाद में यहां तक कहा की कि उन्होंने सार्वजनिक भाषण देते समय सोनिया गांधी को इतना हंसते हुए कभी नहीं देखा था.

कुछ लोगों का मानना है कि यह सोनिया गांधी के मन की शांती को दर्शाता है क्योंकि चिंतन शिविर में कोई बड़ी कलह सामने नहीं आई.

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