कांग्रेस ने मॉब लिंचिंग पर RSS चीफ मोहन भागवत के बयान की आलोचना करते हुए मंगलवार को सवाल किया कि क्या RSS चीफ असहाय लोगों की हत्याओं का समर्थन करते हैं या फिर ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा,
‘‘ मेरा सरसंघचालक मोहन भागवत जी से सीधा सवाल है- क्या वो और उनका संगठन घृणा और हिंसा का इस्तेमाल कर निर्दोष और असहाय लोगों की हत्या का समर्थन करते हैं या ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं. देश जानना चाहता है कि आपको समस्या इन घटनाओं से है या सिर्फ शब्दावली से?’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ये भारतीय और यूरोपीय भाषा का विषय नहीं है, ये मानवता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विषय है. क्या अफवाहों से उत्तेजित भीड़ द्वारा निर्दोष और असहाय लोगों की हत्या का आप समर्थन करते हैं या निंदा ? राष्ट्रहित में आपका स्पष्टीकरण अनिवार्य और वांछित है.’’
RSS चीफ ने कहा क्या था?
दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरा पर कहा कि ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और भारत को बदनाम करने के लिये इसका इस्तेमाल कतई नहीं किया जाना चाहिए. विजयदशमी के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग मैदान में ‘शस्त्र पूजा’ के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे भागवत ने कहा,
‘‘ ‘लिंचिग’ शब्द की उत्पत्ति भारत से नहीं हुई है, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिये भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.’’
दिग्विजय की मोहन भागवत को 'सलाह'
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी मोहन भागवत के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस दिन भागवत एकजुटता के संदेश का पालन करने लगेंगे, उस दिन देश की भीड़ हत्या और नफरत जैसी समस्या खत्म हो जाएगी. दिग्विजय से पूछा गया था कि मोहन भागवत ने नागपुर में आज कहा है कि कुछ लोग देश को बांटने का काम रहे हैं, जबकि हम (आरएसएस) एकजुटता का संदेश दे रहे हैं.
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