कांग्रेस चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) का रविवार को आखिरी और महत्वपूर्ण दिन है जिसमें कई चौंकाने वाले फैसले लिए जा सकते हैं. इसी को लेकर सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू हो गई है और छह सूत्रीय प्रस्ताव की रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी गई है.
प्रस्तावों की रिपोर्ट पर अब सीडब्ल्यूसी की बैठक में चर्चा की जाएगी. तीन दिन में तैयार हुए मसौदे पर अंतिम मुहर लग जाएगी. छह कमिटियों के अध्यक्षों और उनमें शामिल 430 वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस का भविष्य लगभग तैयार कर लिया है.
कांग्रेस के राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. इनमें ईवीएम का मुद्दा, चीन का मुद्दा, संस्कृतिक विरासत, संविधानों के मूलभूत सिद्धांतों और संवैधानिक संस्थानों पर भी फैसला लिया जा सकता है.
मिली जानकारी के अनुसार, मौजूदा हालात में सीबीआई, ईडी द्वारा दुरूपयोग और न्यायपालिका पर लोगों के घटते अविश्वास पर चिंता जाहिर की जाएगी. वहीं पूर्वोत्तर के राज्यों की सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक और भौगोलिक स्वायत्तता को बचाने के लिए अलग से रोड मैप तैयार किया जाएगा.
इसके अलावा ईवीएम को लेकर लगातार राजनीतिक दलों और जनप्रतिनिधियों की शंका के निवारण के लिए चुनाव आयोग को कदम उठाने की सलाह दी जा सकती है. चिंतन शिविर में कांग्रेस की हाल ही में हुई हार पर चर्चा के साथ साथ ईवीएम हैकिंग पर एक प्रेजेंटेशन भी दी गई है.
साथ ही चीन द्वारा लगातार हो रही घुसपैठ और अतिक्रमण पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैया और सच छुपाने की कोशिशों को उजागर करना और सरकार से चीन के घुसपैठ पर श्वेत पत्र की मांग शामिल होगी. संविधान के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा के लिए और बीजेपी-आरएसएस के एजेंडे से देश को बचाने के लिए गांधी, नेहरू और अंबेडकर के सिद्धांतों पर आगे बढ़ना जैसे कुछ बड़े फैसले लेगी.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में इन सभी पर चर्चा के बाद राहुल गांधी का सम्बोधन और फिर ऐसा भी कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी का भी इस शिविर के आखिरी पड़ाव में संबोधन होगा. राजनीतिक प्रस्तावों के अलावा किसान-कृषि, युवा-संबंधी मुद्दे, सामाजिक न्याय और कल्याण और अर्थव्यवस्था शामिल है. एक परिवार एक टिकट, युवाओं, एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए 50 फीसदी आरक्षण, संसदीय दल बोर्ड गठन, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई आंतरिक चुनाव शामिल है.
--आईएएनएस
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