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मजदूरों को केमिकल से नहलाने पर प्रियंका-अखिलेश और माया का गुस्सा

खुद अधिकारियों ने माना इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है ये केमिकल 

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उत्तर प्रदेश के बरेली से लॉकडाउन के बीच एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां पलायन करने वाले कुछ गरीब मजदूरों को बस से उतारकर उन पर केमिकल का छिड़काव किया गया. इस केमिकल का इस्तेमाल कोरोनावायरस के असर को खत्म करने के लिए सड़कों और दीवारों पर किया जाता है. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद अब प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक योगी सरकार पर हमलावर हो चुके हैं.

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शहर छोड़ने पर मजबूर लोग

देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद गरीब दिहाड़ी मजदूर शहर छोड़ने पर मजबूर हैं. इन लोगों का कहना है कि अब न उनके पास कोई रोजगार है और न ही किराया चुकाने के पैसे हैं. इसीलिए अब वो अपने गांव की ओर निकल पड़े हैं. लेकिन कहीं इन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है तो कहीं से ऐसे केमिकल डालने की खबरें सामने आ रही हैं.

केमिकल डालने की इस घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर योगी सरकार को निशाने पर लिया. प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा,

“यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए. मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं. उनको केमिकल डालकर इस तरह नहलाइए मत. इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे.’’
प्रियंका गांधी

अखिलेश ने पूछे सवाल

लोगों पर केमिकल छिड़काव की इस घटना को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए. उन्होंने ट्विटर पर चार सवाल पूछे. अखिलेश ने लिखा,

"यात्रियों पर सेनिटाइज़ेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से उठे कुछ सवाल:

  1. क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं?
  2. केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है?
  3. भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है?
  4. साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है?”

प्रियंका और अखिलेश यादव के अलावा यूपी की पूर्वी सीएम और बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने इस घटनाको क्रूर और अमानवीय बताया. मायावती ने लिखा,

“देश में जारी जबर्दस्त लॉकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है. सरकार तुरन्त ध्यान दे.”
मायावती
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खुद अधिकारी ने माना खतरनाक हो सकता है केमिकल

फायर विभाग के एक अधिकारी ने खुद माना है कि इस तरह का केमिकल सिर्फ सड़कों और दीवारों जैसी चीजों पर छिड़का जाता है. ऐसे केमिकल को इंसान पर डालने की इजाजत नहीं है. ये केमिकल भी किसी अन्य केमिकल की ही तरह इंसान के लिए हानिकारक हो सकता है. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर पूछताछ जारी है.

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