ADVERTISEMENTREMOVE AD

राहुल की पीएम मोदी को चिट्टी,- ‘देश खतरनाक हालत में इसे बचाइये’

एक महीने के भीतर प्रधानमंत्री को राहुल गांधी का यह दूसरा लेटर है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार के पास कोविड के खिलाफ टीकाकरण को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है, उन्होंने भारत को अत्यधिक खतरनाक स्थिति में डाल दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की विफलता के कारण देश एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन के मुहाने पर खड़ा हो गया है और ऐसे में गरीबों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाए ताकि उन्हें पिछले साल की तरह पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
एक महीने के भीतर प्रधानमंत्री को यह उनका दूसरा लेटर है, उन्होंने पहले 9 अप्रैल को मोदी को लिखा था कि टीकाकरण के लिए हर किसी को इसकी जरूरत है और टीका निर्यात पर तत्काल रोक लगाने का आहवान किया गया था अगर इसी गति से टीकाकरण जारी रहा तो अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा.

उनकी टिप्पणी उस दिन आई जब भारत ने पिछले 24 घंटों में कोविड के 4.14 लाख नये मामले दर्ज किए, जो एक दिन में सबसे ज्यादा हैं. तीन पन्नों के पत्र में, राहुल गांधी, जो केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद भी हैं, उन्होंने कहा मुझे एक बार फिर से लिखने के लिए मजबूर किया गया है क्योंकि कोविड सूनामी हमारे देश को तबाह कर रही है.

राहुल ने कहा कि मैं आपको एक बार फिर पत्र लिखने के लिए विवश हुआ हूं, क्योंकि हमारा देश कोविड सुनामी की गिरफ्त में बना हुआ है. इस तरह के अप्रत्याशित संकट में भारत के लोग आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होने चाहिए. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप देश के लोगों को इस पीड़ा से बचाने के लिए जो भी संभव हो, वह करिए.

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन एक वैश्वीकृत और परस्पर दुनिया में भारत की जिम्मेदारी को समझना भी महत्वपूर्ण है, साथ ही उन्होंने कहा,

“दुनिया के हर छह लोगों में से एक व्यक्ति भारतीय है, इस महामारी से अब यही पता चला है कि हमारा आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से भारत में इस वायरस के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल मिलता है कि वह अपने स्वरूप बदले और अधिक खतरनाक स्वरूप में सामने आए. मुझे डर इस बात का है कि जिस डबल म्यूटेंट और ट्रिपल म्यूटेंट को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है.”

उन्होंने कहा कि इस वायरस का अनियंत्रित ढंग से प्रसारित होना न सिर्फ हमारे देश के लोगों के लिए घातक होगा, बल्कि शेष दुनिया के लिए भी होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया, ''इस वायरस और इसके विभिन्न स्वरूपों के बारे में वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाए. सभी नए म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर का आकलन किया जाए. सभी लोगों को तेजी से टीका लगाया जाए. पारदर्शी रहा जाए और शेष दुनिया को हमारे निष्कर्षों के बारे में अवगत कराया जाए.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के पास कोविड के खिलाफ टीकाकरण को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं हैं और सरकार ने उसी समय इस महामारी पर विजय की घोषणा कर दी जब यह वायरस फैल रहा था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की विफलता के कारण आज राष्ट्रीय

राहुल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस स्थिति को देखते हुए कमजोर तबकों के लोगों को वित्तीय मदद और खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाए ताकि लॉकडाउन के कारण गरीबों को उस पीड़ा को न झेलना पड़े जो उन्हें पिछले साल के लॉकडाउन के समय झेलनी पड़ी थी, उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस संकटकाल में विभिन्न पक्षों को विश्वास में लिया जाए ताकि सब मिलकर भारत को सुरक्षित रखने के लिए काम कर सकें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×