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अगस्तावेस्टलैंडः रक्षा मंत्री ने कहा सामने आएगा घूसखोरों का सच

इटली की अदालत के फैसले शामिल नामों पर केंद्रित होगी जांच.

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अगस्तावेस्टलैंड घोटाला मामले में नाम आने वाले कांग्रेस नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बुधवार को रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि वह अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले में घूस लेने वाले लोगों का सच देश की जनता के सामने लाकर रहेंगे. उन्होंंने कहा कि इस मामले की जांच के केंद्र में वे नाम रहेंगे जिनका उल्लेख इटली की अदालत के फैसले में किया गया है.

इटली की अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस.पी. त्यागी और कांग्रेस नेता अहमद पटेल समेत अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं.

सरकार और विपक्ष के बीच इस बात पर सहमति है कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है. इससे पहले की सरकार ने इसे माना और इस ग्रुप पर साल 2014 में रोक लगाई. ग्रुप को बैन किए जाने संबंधी आदेश मौजूदा सरकार ने जारी किया. भ्रष्ट कार्यप्रणाली केंद्रीय मुद्दा है और जांच के जरिए इसे बेनकाब किया जाएगा. उपरोक्त पृष्ठभूमि के बीच ये जांच निश्चित रूप से उन लोगों की भूमिका पर केंद्रित रहेगी जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है.
मनोहर पार्रिकर, रक्षा मंत्री

हालांकि रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के बयान पर कांग्रेस ने अपना बचाव करते हुए कहा कि फैसले में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है.

उधर रक्षा मंत्री ने करीब 45 मिनट लंबे जवाब में पूरा बयान पढ़ा और बताया कि सौदे में क्या-क्या गलत था. हालांकि विपक्षी दल कांग्रेस ने तथ्यों पर आपत्ति दर्ज कराई कि वह सदन की टेबल पर उसकी प्रति रखे बगैर ही लिखित बयान पढ़ रहे हैं. उनके भाषण के बाद पार्टी ने सदन का बहिष्कार कर दिया.

पार्रिकर ने कहा कि सीबीआई पैसे के लेन-देन से जुड़े मामले की तहकीकात कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले ऐसा लगता था कि जैसे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कुछ लोगों के निर्देश पर काम कर रही थी.

सीबीआई ने मार्च 2013 में प्राथमिकी दर्ज की थी. उसने प्राथमिकी की प्रति ईडी को उपलब्ध कराने की नौ महीने तक जहमत नहीं उठाई. यह और हैरत की बात है कि ईडी ने उस प्राथमिकी पर जुलाई 2014 तक कोई काम नहीं किया. ऐसा लगता है कि कुछ अदृश्य हाथ सीबीआई की सक्रियता और निष्क्रियता का मार्गदर्शन कर रहे थे. मौजूदा सरकार ने जब सत्ता संभाली तब से सीबीआई और ईडी इसके सभी पहलुओं की जोर लगाकर जांच कर रही हैं.
मनोहर पार्रिकर, रक्षा मंत्री

मौजूदा स्थिति के बारे में पार्रिकर ने कहा, सीबीआई रिश्वत के पैसे की सुनवाई कर रही है लेकिन मैं उसका ब्यौरा नहीं दे सकता. पैसा कहां गया, हम लोग उसका पता लगा रहे हैं.

सौदे का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि अगस्तावेस्टलैंड के टेंडर को शामिल करने के लिए हेलीकॉप्टर की जरूरतों में बदलाव किया गया.

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