लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का आम आदमी पार्टी का सपना अधूरा रह गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को आम आदमी पार्टी गठबंधन का फॉर्मूला लेकर एक बार फिर कांग्रेस के पास पहुंची थी. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित की बैठक के बाद कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन ना करने का फैसला लिया है.
ये तीसरी बार है जब कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने स्टेट कमेटी की पसंद के आधार पर किसी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन न करने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली कांग्रेस का नेतृत्व इस बात के लिए तैयार नहीं था कि लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन हो.
दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद कहा, 'दिल्ली में हम आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. हम अकेले पूरे दम के साथ चुनाव लडेंगे.'
दीक्षित ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखा था कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने सहमति जता दी है.
बता दें, शीला दीक्षित लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. साल 2013 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के खिलाफ मोर्चा खोला था. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दिल्ली में हाशिए पर धकेल दिया था.
MP और छत्तीसगढ़ में भी स्टेट कमेटी की सलाह पर लिया था BSP से गठबंधन ना करने का फैसला
बता दें, ये पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्टेट कमेटी की सलाह पर किसी भी दल के साथ गठबंधन से बाहर रहने का फैसला किया है. इससे पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने स्टेट कमेटी की सलाह पर चुनाव से पहले बीएसपी के साथ गठबंधन ना करने का फैसला किया था.
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