उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केस दर्ज कर लिया है. यूपी में अवैध खनन मामले में यह केस दर्ज किया गया है. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर अखिलेश यादव समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है.
सीबीआई ने कसा था शिकंजा
अखिलेश यादव पर सीबीआई ने कुछ ही दिनों पहले अवैध खनन मामले में एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई ने दावा किया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ऑफिस ने एक ही दिन में 13 खनन पट्टों को मंजूरी दी थी. अब सीबीआई की इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी अखिलेश यादव पर केस दर्ज कर लिया है.
अखिलेश ने लगाया आरोप
सीबीआई जांच के दायरे में आने के बाद अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि गठबंधन को रोकने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा था, ‘अब हमें सीबीआई को बताना पड़ेगा कि गठबंधन में हमने कितनी सीटें वितरित की हैं. मुझे खुशी है कि कम से कम बीजेपी ने अपना रंग दिखा दिया है. इससे पहले कांग्रेस ने हमें सीबीआई से मिलने का मौका दिया था और इस बार यह बीजेपी है जिसने हमें ये मौका दिया है'.
ये लोग हैं जांच के दायर में
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अवैध खनन मामले में अब तक आदिल खान, आईएएस अधिकारी बी चंद्रकाला, माइनिंग ऑफिसर मोइनुद्दीन, एमएलसी रमेश मिश्रा के अलावा माइनिंग क्लर्क आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी, राम अवतार सिंह और उसके रिश्तेदारों समेत संजय दीक्षित आरोपी हैं. इस मामले में ही तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भी जांच के दायरे में लाया गया. सीबीआई ने अवैध बालू खनन की जांच के संबंध में चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
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