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शिवसेना ने दी सीएम फड़णवीस को नसीहत- ‘मोदी और शाह से डरना मना है’

आने वाले समय में शायद अपने देश में महापुरुषों की मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर होड़ मचने वाली है.

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लगता है आने वाले समय में शायद अपने देश में ही महापुरुषों की मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर होड़ मचने वाली है. शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से यह ऐलान करने को कहा कि मुंबई तट पर अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी की मूर्ति दुनिया में सबसे ऊंची होगी. शिवसेना ने उन्हें इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से न डरने की नसीहत भी दे डाली.

शिवसेना ने कहा कि अगर शिवाजी की मूर्ति सरदार पटेल की मूर्ति से ऊंची रहती है, तो इससे लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिष्ठा कम नहीं हो जाएगी.

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'साहस दिखाएं, डरें नहीं'

शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने दावा किया है कि पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनी रहे, इसलिए मुंबई में समुद्र में बनने वाली छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई कम कर दी गई है. पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने जिस हिम्मत से मराठा आरक्षण की घोषणा की, उसी साहस से शिवाजी की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण का ऐलान करना चाहिए. साथ ही, उन्होंने फड़णवीस को मोदी और शाह से इस मुद्दे पर ‘नहीं डरने' को कहा.

केंद्र सरकार की मानसिकता पर सवाल

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय में कहा है कि पटेल की मूर्ति ऊंची दिखे, इसके लिए शिवाजी की मूर्ति की ऊंचाई को कम करना एक ‘संकुचित और विकृत मानसिकता' दिखती है. शिवसेना ने फड़णवीस को याद दिलाया कि महाराष्ट्र के साथ मुंबई के बने रहने को सुनिश्चित करने के लिए तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री चिंतामणराव देशमुख ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी.

पार्टी ने कहा कि पटेल की मूर्ति का उद्घाटन हो चुका है, लेकिन शिवाजी की मूर्ति के निर्माण के लिए फिलहाल एक ईंट तक नहीं रखी गई है. इसमें कहा गया है कि पटेल की सर्वाधिक ऊंचाई वाली प्रतिमा पहले बने और उनके सामने शिवाजी जैसा युगपुरुष बौना साबित हो जाएं, क्या ऐसी कोई अंदरूनी योजना थी.

सामना में लिखा गया है कि शिवाजी की मूर्ति सबसे बड़ी और ऊंची ही होनी चाहिए. इसके लिए फड़णवीस सरकार और महाराष्ट्र के सभी दल के नेताओं को एकजुट होना चाहिए. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा में कहा था कि शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई घटा दी गई है. हालांकि, फड़णवीस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यह दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति होगी.

प्रस्तावित ऊंचाई में बदलाव?

एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बीजेपी शासित राज्य सरकार ने कहा था कि शिवाजी स्मारक की ऊंचाई में कुछ बदलाव परियोजना की लागत घटाने के लिए किए गए हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक समिति के अध्यक्ष और बीजेपी समर्थित एमएलसी ने सोमवार को कहा कि शिवाजी स्मारक की कुल ऊंचाई चौकी समेत 212 मीटर होगी. बता दें कि स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है.

(इनपुट: भाषा)

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