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किसान आंदोलन: मृत किसानों के परिवार को नौकरी देगी पंजाब सरकार

किसान आंदोलन जारी है. सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई.

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किसान आंदोलन जारी है. सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई. ये बैठक तो महज लंच तक ही चल सकी. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार पर भड़कते नजर आए. साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन में मृत किसानों को नौकरी देने का भी ऐलान किया है.

मुझे रिपोर्ट मिली है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में 76 किसानों की मौत हुई है. आज, मैं ये ऐलान करता हूं कि दिल्ली बॉर्डर पर जिन पंजाब किसानों की मौत इस प्रदर्शन के दौरान हुई है, उनके परिवार के एक सदस्य को राज्य सरकार नौकरी देगी.
अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
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इस दौरान सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह मोदी सरकार पर बरसते भी नजर आए. उन्होंने कहा कि लोकसभा में ज्यादा नंबर होने की वजह से सरकार ने इसे पारित करा लिया, राज्यसभा में शोरगुल के दमपर कृषि बिल पास कराया गया.

इस देश में कोई संविधान है क्या? कृषि, राज्य सरकार की सूची में आती है. बिना संसद में चर्चा किए इस कानून को कैसे पारित करा लिया गया.
अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब

कृषि कानून वापस न लेने पर सरकार अड़ी, किसान डटे

बैठक में शामिल किसानों के मुताबिक, सरकार का प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं था और सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. इस बैठक में कृषि मंत्री तोमर की तरफ से कहा गया कि किसान कानूनों में कोई दिक्कत नहीं है और इन कानूनों को कुछ समय के लिए स्थगित किया जा सकता है. कृषि मंत्री का कहना है कि अगर किसान सरकार के इस प्रस्ताव पर तैयार हैं तो कल दोबारा बैठक हो सकती है.

11 वें दौर की मीटिंग सिर्फ लंच तक चली. काफी देर चले लंचब्रेक के बाद 5 मिनट के लिए मंत्री हॉल में आए जरूर, लेकिन किसी मुद्दे पर बात नहीं हो सकी. जिसके बाद किसानों ने हॉल से निकलना शुरू कर दिया. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं, किसानों की ओर से करीब 40 किसान यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल रहे.

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