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Amit Shah बोले: 2002 के दंगाइयों को BJP ने वो सबक सिखाया कि गुजरात शांत हो गया

Gujarat Election 2022: Amit Shah ने कहा कि 20 साल से गुजरात में एक बार भी कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ी.

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अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Elections 2022) से पहले गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने चुनावी भाषण में 2002 गुजरात दंगों से जुड़ा एक बयान दिया है, जिसपर माहौल गर्माने की संभावना है. अमित शाह ने कहा है कि "गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों में शामिल लोगों को ऐसा सबक सिखाया है कि राज्य में अखंड शांति स्थापित हो गई."

2002 में गुजरात के गोधरा में अयोध्या कार सेवकों से भरी साबरमती ट्रेन की एक बोगी में आग लगा दी गई थी, जिसके बाद राज्य में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थीं.

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दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के चलते गुजरात में शांति- अमित शाह

खेड़ा जिले के महुधा में एक सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, "2002 में सांप्रदायिक दंगे इसलिए हुए क्योंकि कांग्रेस ने इसे एक आदत बनने दिया, लेकिन 2002 में ऐसा सबक सिखाया गया कि ये तब से लेकर अब तक दोबारा कभी नहीं हुए. बीजेपी सरकार की तरफ से सांप्रदायिक दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, जिससे गुजरात में अखंड शांति स्थापित हो गई." महुधा सीट फिलहाल कांग्रेस के पास है.

शाह ने 22 नवंबर को बनासकांठा जिले में भी एक चुनावी भाषण में 2002 के दंगों का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि “2001 में, नरेंद्र मोदी सत्ता में आए और 2002 के बाद, कहीं भी कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ी. क्या अब कोई माफिया है? क्या कोई दादा (गैंगस्टर) है?"

'ऐसा सबक सिखाया कि 2002 के बाद गुजरात में दंगे नहीं हुए'

25 नवंबर को दाहोद के झालोद और भरूच के वागरा में जनसभाओं को संबोधित करते हुए शाह ने फिर 2002 का जिक्र किया और कहा,

“कांग्रेस शासन के दौरान (गुजरात में), क्या सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए थे? 2002 में, नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान उन्होंने ऐसा ही करने की कोशिश की. उन्हें ऐसा सबक सिखाया गया कि अब कोई सिर नहीं उठाता. साम्प्रदायिक दंगे कराने वाले गुजरात से बाहर चले गए हैं. बीजेपी ने गुजरात में शांति स्थापित की और इसे बिना कर्फ्यू वाला क्षेत्र बना दिया."
अमित शाह, गृह मंत्री

वागरा में, जहां मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, शाह ने कहा, "इस धरती ने बहुत सारे सांप्रदायिक दंगे, कर्फ्यू और छुरा घोंपने की घटनाएं देखी हैं. ऐसे में विकास कैसे होगा? 2002 में इन लोगों ने आखिरी बार हिम्मत दिखाई थी...एक-एक करके उन्हें छांट कर जेल में डाल दिया गया. 20 साल हो गए हैं और एक बार भी कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ी."

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शाह ने कहा कि कमल ने गुजरात को सांप्रदायिक दंगों की आग से निकालकर विकास के रास्ते पर ला दिया है. शाह ने अहमदाबाद की नरोड़ा विधानसभा में भी जनसभा को संबोधित किया और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, कांग्रेस को गुजरात में शांति स्थापित करने की बात कहने का कोई अधिकार नहीं है.

"कांग्रेस ने सालों तक राज किया और कोई है जिसने सांप्रदायिक दंगे करवाकर गुजरात को तबाह करने की कोशिश की तो वो कांग्रेस है...अब किसी के पास दंगे करने का साहस नहीं है."
अमित शाह, गृह मंत्री

शाह बीजेपी उम्मीदवार पायल कुकरानी के लिए प्रचार कर रहे थे, जो 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार के दोषी मनोज कुकरानी की बेटी हैं. मनोज कुकरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन फिलहाल वो बेल पर बाहर हैं.

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त नहीं किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के लोग उसके वोटबैंक से डर सकते हैं, लेकिन बीजेपी के लोग नहीं. क्या आप जानते हैं कि उनका वोट बैंक क्या है?”

इससे पहले शाह ने महुधा में राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि “वे (राहुल गांधी) महुधा नहीं आने वाले हैं. वे नतीजे जानते हैं और इसलिए वह गुजरात में अपना चेहरा नहीं दिखा रहे हैं.

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