बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर ली है. सीएम नीतीश कुमार के आवास पर पांडे ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले VRS लेने वाले गुप्तेश्वर 5 महीने बाद ही रिटायर होने वाले थे और अब उन्होंने राजनीतिक पारी शुरू कर दी है. नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद पार्टी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि उनसे नीतीश कुमार ने पार्टी ज्वाइन करने के लिए कहा. पांडे ने कहा कि नीतीश कुमार से वो काफी प्रभावित थे.
मैंने उनसे प्रभावित होकर, उनके नेतृत्व में पार्टी की सदस्यता ली. आगे जैसा आदेश होगा. चुनाव लड़ना या नहीं लड़ना मेरा फैसला नहीं है, जैसा पार्टी का आदेश होगा, वैसा मैं करूंगा.गुप्तेश्वर पांडे
कौन हैं गुप्तेश्वर पांडे?
"बिहार के मुख्यमंत्री पर कमेंट करने की औकात रिया चक्रवर्ती की नहीं है". बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच की मंजूरी दी थी, जिसके तुरंत बाद गुप्तेश्वर पांडे ये बयान देकर देशभर में सुर्खियों में आ गए थे. यही नहीं सुशांत सिंह की मौत के मामले में भी पांडे मुंबई पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन इससे पहले कई घटनाएं हैं जिसे लेकर गुप्तेश्वर पांडे चर्चा में रहे हैं.
ग्रेजुएशन से लेकर UPSC तक संस्कृत का साथ
2019 लोकसभा चुनाव से पहले गुप्तेश्वर पांडे को नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार का डीजीपी बनाया था. इससे पहले उनके पास डीजी ट्रेनिंग और डीजी पुलिस अकेडमी की जिम्मेदारी थी. बक्सर के गेरुआबंध गांव के रहने वाले पांडे ने पटना यूनिवर्सिटी से संस्कृत में ग्रैजुएशन किया और यूपीएससी की परीक्षा में भी संस्कृत को ही अपना विषय चुना था.
गुप्तेश्वर पांडे ने पहले ही अटेम्पट में यूपीएससी क्वॉलीफाई किया और इनकम टैक्स अधिकारी के तौर पर पहली पोस्टिंग हुई. लेकिन उन्हें IPS बनना था, जिसके लिए उन्होंने दोबारा UPSC दिया और दूसरी कोशिश में आईपीएस बन गए.
पहले भी चुनाव लड़ने के लिए छोड़ी थी नौकरी!
ये पहली बार नहीं है जब पांडे ने वीआरएस नहीं लिया हो. आईजी रहते गुप्तेश्वर पांडेय ने साल 2009 में वीआरएस लिया था. उस वक्त राज्य सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया था. तब उनके बक्सर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा थी. हालांकि बाद में वे किसी भी दल से चुनावी मैदान में नहीं उतरे. तब गुप्तेश्वर पांडेय ने इस्तीफे के 9 महीने बाद बिहार सरकार से कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस लेना चाहते हैं. नीतीश कुमार की सरकार ने उनका इस्तीफा वापस कर दिया और फिर गुप्तेश्वर पांडेय नौकरी में वापस आ गए. हालांकि इसपर भी बहस चलती है कि किस आधार पर उन्हें नौकरी पर वापस रखा गया था.
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