जेडीयू ने अपने नेता अरुण श्रीवास्तव को गुजरात में कराए जा रहे राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को चुनाव एजेंट नियुक्त करने के लिए अनाधिकृत रुप से पत्र लिखे जाने को लेकर पार्टी के महासचिव पद से हटा दिया है.
इस संबंध में श्रीवास्तव को जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने पत्र सौंप दिया है. त्यागी ने श्रीवास्तव को लिखे पत्र में कहा है 'आपसे हुई वार्ता में आपने स्वीकार किया कि गुजरात के राज्य सभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को आपने चुनाव एजेंट नियुक्ति संबंधी एक पत्र लिखा है '.
केसी त्यागी ने जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के करीबी माने जाने वाले श्रीवास्तव को लिखे पत्र में कहा है-
आपको (अरुण श्रीवास्तव) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा ऐसा कोई निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. इस स्थिति में आपका यह कृत्य पार्टी विरोधी और अनुशासन भंग करने वाला है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे गंभीर घटना मानते हुए आपको पार्टी के महासचिव से हटा दिया है.
त्यागी ने जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा गुजरात में संपन्न राज्यसभा की सभी तीन सीटों के लिए चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को लिखित एक पत्र जारी किया है, जिसमें केवल त्यागी को पार्टी का अधिकृत एजेंट नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया गया है.
गुजरात राज्यसभा चुनाव में जेडीयू विधायक के वोट पर भी सस्पेंस
जेडीयू विधायक छोटूभाई वासवा के वोट को लेकर पार्टी के दो नेता आमने-सामने आ गए. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने गुजरात के जेडीयू विधायक छोटू भाई वासवा को बीजेपी को वोट देने के लिए कहा था और उन्होंने बीजेपी को ही वोट दिया है.
हालांकि गुजरात जेडीयू के महासचिव अंबा लाल जाधव ने अहमद पटेल को समर्थन देने की बात कही. जेडीयू नेता ने कहा, “केसी त्यागी कौन होते हैं कुछ भी कहने वाले? छोटू भाई ने अपना वोट दे दिया, उन्होंने बताया है. हमारा समर्थन कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को है.”
गुजरात में जेडीयू के एक मात्र विधायक छोटू वसावा ने आज मंगलवार को कहा कि उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट दिया क्योंकि सत्तारुढ़ दल बीजेपी ने जनजातीय लोगों के लिए कुछ नहीं किया है.
गुजरात में जेडीयू विधायक का कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए मतदान किया जाना ऐसे समय में हुआ है जब वह बिहार में बीजेपी के साथ सरकार में शामिल हुई है.
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