मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है, जिसके बाद कांग्रेस में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है. राज्य के लगभग हर हिस्से से इस्तीफों की झड़ी लगी हुई है. अब तक सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारीयों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
कई कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल होने लगे हैं. सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद से पार्टी में अफरा-तफरी मची हुई है. वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल घिरने लगे हैं.
प्रदेश सचिव ने भेजा इस्तीफा
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के सचिव सुनील तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस को कुछ नेताओं ने अपनी जेवी संस्था बना लिया है. सिंधिया ने जब पार्टी और कार्यकर्ता के हित में आवाज उठाई तो उन्हें दबा दिया गयाय इसका परिणाम पार्टी के सामने है.
बीते 32 साल से कांग्रेस से जुड़े तिवारी ने अपने पद से इस्तीफा देने के साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
जिला इकाई से इस्तीफे की खबर
इसी तरह कांग्रेस की सागर जिला इकाई के अध्यक्ष और सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह राजपूत ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा घाटगे ने भी अपने पद और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही बीजेपी दफ्तर में पहुंचकर भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अभिलाश पांडे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
राज्य के विभिन्न हिस्सों से भी कांग्रेस नेताओं के पदों से इस्तीफा देने और पार्टी छोड़ने की खबरें आ रही हैं.
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