कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने कांग्रेस और जेडीएस के सभी 13 बागी विधायकों के इस्तीफे को मंजूर करने से इनकार कर दिया. क्योंकि 8 इस्तीफे तय किए गए फॉरमेट में नहीं थे और 5 पर सफाई की जरूरत थी. ताकि ये तय हो सके कि क्या वो दलबदल विरोधी कानून के मुताबिक हैं भी या नहीं. कुमार ने कहा,
मैंने 12, 15 और 21 जुलाई को दोनों दलों के सभी विधायकों को मुझसे मिलने के लिए बुलाया है, क्योंकि उनके इस्तीफों में गलती है और सफाई कानून विरोधी धारा 202 के तहत कानून के अनुसार नहीं हैं.
10 कांग्रेस के और 3 जेडीएस के हैं बागी विधायक
इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों में से 10 कांग्रेस और 3 जेडीएस के हैं. जांच करने पर केवल 5 इस्तीफे ही तय किए फॉर्मेट में मिले हैं. कुमार ने कहा, "दोनों दलों के विधायकों के बाकी आठ इस्तीफे सही फॉर्मेट में नहीं हैं. मैंने उन्हें 21 जुलाई तक का समय दिया है कि वो उन्हें फिर से जमा करें और अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों को छोड़ने के कारण बताएं."
फॉर्मेट के मुताबिक, इस्तीफे देने वाले विधायकों में आनंद सिंह, रामलिंगा रेड्डी और प्रतापगौड़ा पाटिल कांग्रेस के हैं, जबकि एन. नारायण गौड़ा और के. गोपालैया जेडीएस के हैं.कुमार ने कहा, "मैंने सिंह, पाटिल और गौड़ा से 12 जुलाई को मिलने के लिए कहा है, ताकि वो इस्तीफा दे सकें और ये सुनिश्चित करा सकें कि वे कानून के अनुसार स्वैच्छिक और असली थे."
इसके अलावा सभापति ने रेड्डी और गोपालैया को उनके इस्तीफे के कारणों को बताने के लिए 15 जुलाई को बुलाया.
ये हैं गलत फॉर्मेट में इस्तीफा देने वाले विधायक
जिन आठ विधायकों के इस्तीफे गलत हैं और उन्हें सही प्रारूप में फिर से शुरू करने के लिए कहा गया है, उनमें बी.सी. पाटिल, एस.टी. सोमशेखर, बृती बसवराज, रमेश जारखोली, महेश कुमथल्ली, शिवराम हेब्बर, मुनिरत्ना (सभी कांग्रेस) और जेडीएस से ए.एच. विश्वनाथ शामिल हैं.
निलंबित कांग्रेस विधायक आर.रोशन बेग के इस्तीफे पर अध्यक्ष ने कहा कि उनके लेटर को ऑफिस में अप्रुव किया जा रहा था, क्योंकि बेग ने 9 जुलाई को ही इसे पेश किया.
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