कर्नाटक की राजनीति में चल रही उठापठक 14वें दिन भी जारी रही. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार रहेगी या गिर जाएगी, 19 जुलाई को भी इस पर कोई फैसला नहीं हो सका. अब 22 जुलाई, सोमवार को कुमारस्वामी सरकार बहुमत साबित करेंगे.
विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने गठबंधन सरकार से पूछा कि उन्हें फ्लोर टेस्ट के लिए कितना समय चाहिए. इस पर जवाब में कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें कम से कम 22 जुलाई तक का वक्त चाहिए. अब सवाल ये है कि क्या 22 जुलाई को कर्नाटक का सियासी संकट खत्म हो पाएगा? इसी बीच कांग्रेस और कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट को भी दरवाजा खटखटाया.
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आइए आपको बताते हैं 22 जुलाई को कर्नाटक में दिनभर क्या-क्या हुआ..
- कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने गठबंधन सरकार से पूछा कि उन्हें फ्लोर टेस्ट के लिए कितना समय चाहिए. इस पर सीएम कुमारस्वामी ने कहा, "क्योंकि विधायक किसी काम से बिजी हैं, इसलिए हम फ्लोर टेस्ट सोमवार तक कर सकते हैं."
- बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी आधी रात तक फ्लोर टेस्ट बहस के लिए बैठने को तैयार है ताकि वोटिंग आज (19 जुलाई) ही खत्म हो जाए.
- कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि कोर्ट का 17 जुलाई का आदेश पार्टी के अपने विधायकों को व्हिप जारी करने के अधिकार का हनन करता है. कोर्ट ने अपने उस आदेश में कहा था कि कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
- कांग्रेस के बाद कर्नाटक के कुमारस्वामी ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. कुमारस्वामी ने राज्यपाल के उस लेटर को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें 19 जुलाई दोपहर 1.30 बजे तक फ्लोर टेस्ट करने के लिए कहा था.
- राज्यपाल की ओर से जारी की गई दूसरी चिट्ठी का जवाब देते हुए सीएम कुमारस्वामी ने विधानसभा में कहा, "राज्यपाल के प्रति मेरे मन में सम्मान है. लेकिन उनके दूसरे लव लेटर ने मुझे आहत किया है."
- कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए दोपहर 1:30 बजे तक का समय दिया था. बाद में उन्होंने डेडलाइन को शाम छह बजे तक बढ़ा दिया. लेकिन कुमारस्वामी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
- दोपहर 1:30 बजे की समयसीमा खत्म होने के बाद बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस. येदियुरप्पा ने विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की. इस पर कुमारस्वामी ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर सभी विधायकों की चर्चा पूरी करने के बाद ही ऐसा करेंगे.
- कुमारस्वामी ने कहा, "ये मुझे तय नहीं करना है कि बहुमत कब साबित करना चाहिए, इस मामले में सदन के संरक्षक की हैसियत से अध्यक्ष फैसला लेंगे कि सत्र का संचालन कैसे होना चाहिए."
- बीजेपी के एक सदस्य ने अध्यक्ष से कहा कि सत्ताधारी गठबंधन को बहुमत साबित करने में और देरी करने की अनुमति न दें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से बहुमत साबित करने पर कोई रोक नहीं थी.
- कर्नाटक के सियासी संकट का असर केंद्र में भी देखने को मिला. कर्नाटक मुद्दे को लेकर कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी समेत विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया. विपक्ष ने बीजेपी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. वहीं, कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों ने राज्यपाल को बीजेपी का एजेंट करार दिया.
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