कर्नाटक में चुनाव का बिगुल बज चुका है. 224 विधानसभा सीटों के लिए 12 मई को होनेवाले चुनाव में जीत के लिए सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. दोनों ही पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतर चुकी हैं, अब देखना होगा कि कौन बनेगा कर्नाटक का किंग.
वहीं इन दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच कर्नाटक की राजनीति में असर रखने वाली जेडीएस भी सत्ता में सेंध लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रही है.लेकिन इस राज्य में पिछले तीन विधानसभा चुनाव में किस पार्टी का कैसा प्रदर्शन रहा है, ये जानना भी जरूरी है.
2013 में कांग्रेस हुई सत्ता पर काबिज
2013 में हुए हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की. राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर 71.4 फीसदी वोटिंग हुई.
सभी सीटों पर चुनाव लड़कर कांग्रेस ने 36.5 फीसदी वोट हासिल करते हुए 122 सीटों पर कब्जा जमाया और सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया.
उस समय सत्ता में रही बीजेपी 19.9 फीसदी वोट हासिल करने के बावजूद महज 40 सीटों पर ही सिमट गईं. वहीं 20.19 प्रतिशत वोट हासिल करके जेडीएस 40 सीटों पर कब्जा जमाने में सफल रही.
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2008 में BJP का फहराया परचम
कार्यकाल पूरा होने से पहले ही 2008 में राज्य में विधानसभा चुनाव कराने पड़े. पिछले चुनाव में जोड़-तोड़ से सरकार बनाने वाली बीजेपी इस चुनाव में 33.8 फीसदी वोट हासिल कर 110 सीटों पर जीत का परचम लहराने में सफल रही. और पार्टी ने बीएस येदियुरप्पा को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया.
हालांकि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद महज तीन साल के अंदर ही येदियुरप्पा को 2011 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
इस चुनाव में कांग्रेस को 34.7 प्रतिशत वोट मिले और 80 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं जनता दल सेक्युलर 18.9 फीसदी वोट हासिल कर 28 सीटों तक सिमट कर रह गई.
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2004 चुनाव- पहले कांग्रेस फिर BJP की बनी सरकार
2004 में हुए चुनाव में कर्नाटक में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, पर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 28.3 प्रतिशत वोट हासिल कर बीजेपी ने 79 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं 35.2 फीसदी वोट हासिल करने के बावजूद कांग्रेस महज 65 सीटों पर ही कब्जा जमाने में सफल रही. 20.7 फीसदी वोटों के साथ जेडीएस ने 58 सीटों पर जीत का परचम लहराया.
शुरुआत में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की. लेकिन वो सरकार चल नहीं पाई और आधे कार्यकाल में ही गिर गई. चुनाव के दौरान सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाली बीजेपी को पहली बार दक्षिण में सरकार बनाने में सफलता मिली.
बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया. हालांकि ये विधानसभा अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और समय से पहले ही 2008 में चुनाव कराने पड़े.
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अब एक बार फिर कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है. एक तरफ जहां कई राज्यों में जीत से उत्साहित बीजेपी दक्षिण के इस राज्य में भगवा फहराने की तैयारी में है, वहीं कांग्रेस अपने किले को बचाने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही है. इन दोनों के बीच जेडीएस भी चुनाव में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने के लिए तैयार दिख रही है.
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