Karnataka Reservation Changes: कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए नौकरियों और शिक्षा में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों के लिए रिजर्वेशन बढ़ाने का फैसला किया है. नए कोटे के साथ-साथ ओबीसी मुस्लिमों के 4 फीसदी कोटे को खत्म कर दिया गया है. इस वर्ग में जो मुस्लिम कोटा के लिए योग्य होते थे, अब उन्हें ईडब्ल्यूएस (इकनॉमिक वीकर सेक्शन- EWS) कैटेगरी में रिजर्वेशन के लिए एलिजिबिल कर दिया गया है.
बता दें कर्नाटक में पहले ही 50 फीसदी से ज्यादा रिजर्वेशन था, जो अब बढ़कर करीब 56 फीसदी पहुंच जाएगा. तो यहां हम जानेंगे कि आखिरी चुनाव के एक महीने पहले इतने बड़े कदम के पीछे बीजेपी का सियासी गणित क्या है? लेकिन उसके पहले जानते हैं कुछ जरूरी चीजें-
रिजर्वेशन कोटे में हुए कई बदलाव
मुख्यमंत्री बोम्मई ने बताया कि अब ओबीसी कैटेगरी को दो सेक्शन- अधिक पिछड़े (मोर बैकवर्ड) और अति पिछड़े (मोस्ट बैकवर्ड) में बांट दिया गया है.
वोक्कालिगा को पिछड़ा वर्ग की जिस कैटेगरी (2ए) में रखा गया है, उससे अब उनका रिजर्वेशन बढ़कर 7 फीसदी हो गया है. जबकि लिंगायत, वीरशिवा और पंचमसाली समुदायों के वर्ग (2डी) के प्रतिनिधित्व को भी बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया गया है.
बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, रिजर्वेशन 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. लेकिन कर्नाटक में इस सीमा के उल्लंघन के बाद, इसका मामला फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट में है.
अब किसके पास कितना रिजर्वेशन?
नए बदलावों के साथ अलग-अलग वर्गों के लिए रिजर्वेशन कोटा कुछ इस तरह है-
कैटेगरी-1 (बैकवर्ड क्लासेज): 4 फीसदी
कैटेगरी-2ए - कुल 15 फीसदी
(इसमें दो सबसेक्शन हैं, मोर बैकवर्ड और मोस्ट बैकवर्ड, वोक्कालिगा को 2ए कैटेगरी में ही डाला गया है)
कैटेगरी 2बी: अब कुछ नहीं (पहले इसमें मुस्लिम थे)
कैटेगरी 2डी (लिंगायत, मराठा, बूंट्स आदि): 7 फीसदी
एससी- 17 फीसदी
एसटी- 7 फीसदी
कुल- 56 फीसदी
चुनाव के पहले लिंगायतों की नाराजगी दूर करने के लिए मास्टर स्ट्रोक
लिंगायत समुदाय में पंचामासाली लिंगायत एक प्रभुत्वशाली वर्ग है. यह वर्ग बीजेपी का कट्टर वोटर माना जाता है. लंबे समय से इनकी मांग 3बी (5 फीसदी) से 2ए (15 फीसदी) में खुद को स्थानांतरिक किए जाने की थी. अब इनको ज्यादा रिजर्वेशन (2डी कोटा, 6फीसदी रिजर्वेशन) देकर बीजेपी ने चुनावों से पहले खुद का वोटबैंक पुख्ता करने की कोशिश की है.
बता दें लिंगायतों के प्रदर्शनों से बीजेपी काफी परेशानी में आई थी. इन्हें 2ए में शामिल करने से कुरुबा, इडिगा, देवाडिगा, विश्वकर्मा,तिगाला जैसी 102 जातियों के विरोध का सामना करना पड़ सकता था, जो पहले ही इस वर्ग में लाभ ले रही थीं. लेकिन अब 2डी में लिंगायतों को शामिल करने से बीजेपी ने इस परेशानी से भी बचने की कोशिश की है.
वोक्कालिगा रिजर्वेशन- मैसूर में पैठ बनाने की कोशिश
ऐसी ही मांग वोक्कालिगा समुदाय की भी थी. वोक्कालिगा को ओबीसी की 3ए कैटेगरी में 4 फीसदी रिजर्वेशन कोटे का लाभ मिलता था. वोक्कालिगा समुदाय मैसूर के क्षेत्र में काफी प्रभावशाली है. अब वोक्कालिगा समुदाय को 2ए में शामिल कर 7 फीसदी रिजर्वेशन दिया जाना, बीजेपी की इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी इसी क्षेत्र में वरुणा विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं.
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