बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बेहतर इलाज के लिए ट्रेन से दिल्ली लाया गया. लालू का रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाज चल रहा था. रांची से दिल्ली आते वक्त आजतक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने फेडरल फ्रंट या थर्ड फ्रंट की बात को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में कोई अलग से मोर्चा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि एक ही मोर्चे में एकजुट विपक्ष होगा.
लालू प्रसाद ने ऐसा क्यों कहा?
ममता बनर्जी ने दिल्ली में विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है. 'फेडरल फ्रंट' की सुगबुगाहट भी तेज हुई. ममता बनर्जी के अलावा तेलंगाना के सीएम केसी राव ने भी ऐसे फ्रंट के लिए मुहिम छेड़ रखी है. अब लालू के इस बयान के बाद साफ है वो बिना कांग्रेस के किसी भी मोर्चे के लिए राजी नहीं होंगे.
कौन करेगा थर्ड फ्रंट की अगुवाई
ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे पर लालू ने कहा कि उनकी पहल सराहनीय है, लेकिन इससे तय नहीं होता कि थर्ड फ्रंट का नेतृत्व कौन करेगा. उन्होंने कहा कि ये बाद की बात है वक्त आने पर तय किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, लालू ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर पूछे गए सवाल को टाल दिया. लालू ने बीजेपी को लताड़ते हुए कहा कि इस सरकार में देश का संविधान ही खतरे में हैं, ऐसे में सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना होगा.
लालू क्यों लाए गए दिल्ली?
रांची में लालू के सेहत में सुधार नहीं दिख रहा था. लालू प्रसाद को सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद 17 मार्च को रिम्स में भर्ती कराया गया था. रिम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव कई तरह की बीमारियां हैं. उनके हाई ब्लड प्रेशर और डायबीटिज की शिकायत है और लालू की किडनी में स्टोन की भी पुष्टि हुई है. इसके बाद ही उन्हें दिल्ली लाए जाने का फैसला लिया गया..
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