फडणवीस सरकार में नंबर दो मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर महाराष्ट्र सरकार को 42 करोड़ रुपये का राजस्व का नुकसान कराने का आरोप लगा है. एनसीपी के नेता जयंत पाटिल ने आरोप लगाया है कि चंद्रकांत पाटिल ने पुणे जिले के दो अलग अलग मामलों में बिल्डरों के हित में एकतरफा फैसला लिया. चंद्रकांत पाटिल ने अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी करते हुए अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है. इससे महाराष्ट्र सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है.
पाटिल पर 42 करोड़ का राजस्व घाटा कराने के आरोप
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने दावा किया है कि पुणे के हवेली केशनंद देवस्थान की जमीन राधास्वामी सत्संग और फिर बिल्डर को बेची गई. राधास्वामी सत्संग ने हवेली देवस्थान से जमीन खरीद कर इसका इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी. इसके बदले सरकार को टैक्स मिलना था. सरकार को इससे 42 करोड़ का राजस्व मिल सकता था .अधिकारियों ने बिना टैक्स दिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था. लेकिन चंद्रकांत पाटिल ने टैक्स माफ कर दिया. इससे राज्य सरकार को घाटा हुआ.
कुछ ही दिन बाद उस जमीन को संस्था ने एक बिल्डर को 84 करोड़ में बेच दिया. यह कीमत मार्केट रेट से कम मानी जा रही है.
दूसरा ममला भी पुणे का ही है. बालेवाड़ी इलाके के सर्वे नंबर 18 के प्लॉट को उमेश कोठावाड़े ने खरीदा . उस प्लॉट के बगल में 17 नंबर का प्लॉट खेल मैदान के लिए अरक्षित था . उमेश ने अधिकारी के साथ मिलकर उस जगह का की दोबारा पैमाइश करवाई .उस समय प्लॉट नंबर 17 से पैमाइश शुरू की गई और प्लॉट नंबर 18 और 17 को मिलाकर उसे दे दिया गया .अब प्लॉट का क्षेत्रफल 46 गुना हो गया .लोगों ने विरोध भी किया . अधिकारी से लोगों ने जवाब मांग तो अधिकारी ने इसे गलती मानते हुए स्टे दे दिया . लेकिन शिवप्रिया बिल्डर ने जब इस मामले में पाटिल के पास सुनवाई लगाई तो चंद्रकांत पाटिल ने जिला अधीक्षक के स्टे को हटाते हुए बिल्डर के हक में फैसला सुना दिया.
अमित शाह के करीबी है चंद्रकांत पाटिल
चंद्रकांत पाटिल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह के बेहद करीबी हैं. महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने से पहले बीजेपी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के नारे के साथ जनता के बीच जाने की तैयारी में है. लेकिन उससे पहले फडणवीस सरकार के अहम मंत्री पर गंभीर आरोप लगना सरकार के लिए मुश्किल पैदा करने वाली बात है. आपको बता दें कि पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे पर भी 2016 मे राजस्व मंत्री रहते हुए पुणे की एक जमीन में घोटाले के आरोप लग चुके हैं, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था. इस बीच, चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि एनसीपी लोकसभा के चुनाव में करारी हार की वजह से इस तरह के आरोप लगा रही है. इस आरोप में कोई दम नहीं है.
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