महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले कई दिनों से राजनीतिक संकट चल रहा है. शिवसेना के कई विधायक बगावत कर चुके हैं, जिनकी अगुवाई एकनाथ शिंदे कर रहे हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार, 30 जून को सुबह 11 बजे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के लिए टेस्ट कराने का आदेश दे दिया है, जिसके बाद शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और आज शाम पांच बजे मामले पर सुनवाई होने वाली है.
राज्यपाल ने विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे अपने पत्र में कहा-
अशांतकारी राजनीतिक परिदृश्य के बैकग्राउंड में महाराष्ट्र में विधानसभा का एक विशेष सत्र मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास मत के एकमात्र एजेंडे के साथ बुलाया जाएगा.
महाराष्ट्र विधानसभा में सभी पार्टियों के पास विधायकों की संख्या
शिवसेना: 55
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी: 53
भारतयी राष्ट्रीय कांग्रेस: 44
भारतीय जनता पार्टी: 106
बहुजन विकास आघाडी: 3
समाजवादी पार्टी: 2
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन: 2
प्रहार जनशक्ति पार्टी: 2
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना: 1
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M): 1
किसान और श्रमिक पार्टी: 1
स्वाभिमानी पक्ष: 1
राष्ट्रीय समाज पक्ष: 1
जनसुराज्य शक्ति पार्टी: 1
क्रांतिकारी शेतकारी पार्टी: 1
निर्दलीय: 13
मौजूदा वक्त में 287 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 144 है, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के पास वर्तमान में 152 विधायक हैं.
इन सबके बीच यह ध्यान रखना जरूरी है कि
पिछले महीने शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण एक पद खाली है.
शिवसेना के 55 विधायकों में से 38 विधायक 10 निर्दलीय के साथ गुवाहाटी में हैं. बागी विधायकों के बिना सत्ताधारी सरकार अल्पमत में होगी.
एनसीपी के दो सदस्य- उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके अलावा पार्टी के दो अन्य विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं.
राज्यपाल के पत्र में क्या कहा गया?
सात निर्दलीय विधायकों के एक ईमेल का हवाला देते हुए, राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सदन में बहुमत का विश्वास खो दिया, जिससे जल्द से जल्द एक फ्लोर टेस्ट आयोजित करना जरूरी हो गया है.
उन्होंने 39 बागी विधायकों के घर पर हुई हिंसा के बारे में भी लिखा और कहा कि संवैधानिक प्रमुख के रूप में यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी थी कि सरकार सदन के विश्वास के साथ काम करती रहे.
पत्र के मुताबिक फ्लोर टेस्ट का सीधा प्रसारण किया जाएगा और विधानसभा सचिवालय द्वारा एक स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से कार्यवाही को कैमरे में रिकॉर्ड किया जाएगा.
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