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महाराष्ट्रः सरकार गठन पर कांग्रेस-NCP में बात, क्या तय-क्या बाकी?

महाराष्ट्र में 12 नवंबर से लागू है राष्ट्रपति शासन

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महाराष्ट्र में पिछले करीब एक महीने से सरकार गठन को लेकर सियासी रस्साकशी चल रही है. लेकिन गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एनसीपी-कांग्रेस की बैठक के बाद जो बयान आया है, उससे अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बना सकती है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं. मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर ही शिवसेना ने अपनी सहयोगी बीजेपी से नाता तोड़ा था. इसलिए ये तो तय है कि अगर नए गठबंधन की सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. लेकिन मंत्रालयों को लेकर रस्साकशी चल रही है. मंत्रालयों के मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के नेता शुक्रवार को मुंबई में शिवसेना के साथ एक बैठक करने वाले हैं. उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी मातोश्री में पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है.

बीते 24 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह पहली बार है, जब कांग्रेस और एनसीपी ने खुलकर कहा है कि वे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं.

सरकार गठन पर अब तक क्या हुआ?

गुरुवार को राजधानी दिल्ली में कांग्रेस और एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक हुई. इस बैठक के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मीडिया से बातचीत में कहा-

कांग्रेस और एनसीपी ने सभी मुद्दों पर चर्चा पूरी कर ली है. कांग्रेस और एनसीपी पूरी तरह एकमत हैं. हम कल (शुक्रवार) मुंबई जाएंगे और वहां हमारे चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठक होगी. इसके बाद हम एनसीपी और शिवसेना के साथ विमर्श करेंगे. विमर्श पूरा होते ही प्रस्तावित गठबंधन की संरचना के बारे में मीडिया को बता दिया जाएगा.

चव्हाण के इस बयान से साफ हो गया है कि शुक्रवार को महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी अनिश्चितता खत्म हो सकती है.

उधर, एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है, ‘‘हम जल्द सरकार बनाने जा रहे हैं. हम जल्द ही इस निर्णय का ऐलान कर देंगे.’’

औपचारिक ऐलान में क्या देर?

महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात देखते हुए शुक्रवार का दिन बेहद अहम है. एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार गठन को लेकर शिवसेना से बातचीत के बाद अंतिम फैसले का ऐलान कर सकता है.

चव्हाण के मुताबिक, शुक्रवार को कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र में अपने चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की बैठक होगी. इस बैठक में विमर्श पूरा होते ही प्रस्तावित गठबंधन की संरचना का ऐलान हो सकता है.

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पवार और पीएम की मुलाकात का नहीं कोई असर

उधर, महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद राजनीतिक पारा और गरमा गया था. तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि, एनसीपी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह मुलाकात किसानों के मुद्दे पर थी.

इसके बावजूद भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार गठन को लेकर जारी रस्साकशी में अब कोई नया ट्विस्ट आ सकता है. लेकिन कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस-एनसीपी, शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

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मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे

शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम सामने आ रहा है. ठाकरे शिवसेना अध्यक्ष हैं, ऐसे में उनके नाम पर शिवसेना के अलावा कांग्रेस और एनसीपी भी अपनी सहमति जता सकती है.

लेकिन मंत्रालयों को लेकर रस्साकशी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, जो फॉर्मूला बन रहा है, उसमें शिवसेना और एनसीपी के 14-14 और कांग्रेस के 12 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस की मांग है कि उसके भी 14 मंत्री शामिल किए जाने चाहिए.

कैसा हो सकता है नए गठबंधन की सरकार का स्वरूप?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो फॉर्मूला बन रहा है, उसमें मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा और विधानसभा अध्यक्ष के पद पर एनसीपी और कांग्रेस दोनों की नजर है.

गृह मंत्रालय पर शिवसेना और एनसीपी की नजरें टिकी हैं, जबकि वित्त मंत्रालय पर एनसीपी और कांग्रेस ने अपनी दावेदारी ठोकी है. ग्रामीण विकास मंत्रालय पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों की नजर है.

पीडब्ल्यूडी मंत्रालय शिवसेना और एनसीपी दोनों चाहती हैं, जबकि शिक्षा मंत्रालय शिवसेना को और जल संसाधन मंत्रालय एनसीपी चाहती है. शहरी विकास मंत्रालय पर एनसीपी और कांग्रेस दोनों दावेदारी कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय पर शिवसेना और राजस्व मंत्रालय पर कांग्रेस दावा कर रही है.

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बता दें, बीजेपी और उसके चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ी थीं. 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को हुए मतदान के नतीजों में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने 44 और एनसीपी ने 54 सीटें जीतीं.

बीजेपी और शिवसेना के ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री का उद्धव ठाकरे का प्रस्ताव ठुकराए जाने पर शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ लिया था.

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