महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार(Ajit Pawar) ने दावा किया कि महराष्ट्र सरकार का केंद्र सरकार पर गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (GST) का 30,000 करोड़ रुपया बकाया है.
मीडिया से बातचीत में पवार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि,
जीएसटी का उद्देश्य एक राष्ट्र एक कर था. जीएसटी परिषद के कुछ वादे अभी भी पूरे नहीं हुए हैं. इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए. महाराष्ट्र राज्य का 30-32 हजार करोड़ का जीएसटी रिटर्न हमें अभी तक नहीं दिया गया है.अजित पवार
लखनऊ में होने जा रही GST परिषद की बैठक
पवार का यह बयान शुक्रवार, 17 सितंबर, को लखनऊ में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक से पहले आया है.
पवार ने कहा कि महाराष्ट्र ने बैठक के लिए आभासी उपस्थिति का अनुरोध किया है और कहा कि राज्य सरकार ने बैठक के लिए सुझाव लिखे हैं. पवार ने कहा,
"हमें देखना होगा कि ईंधन की कीमतों को जीएसटी के तहत लाने की मांग पर केंद्र क्या रुख अपनाता है. जब इस मुद्दे को हमारे सामने लाया जाएगा तो इसपर हम अपना पक्ष रखेंगे."
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी. बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी शामिल होंगे.
बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एमओएस (Mos) पंकज चौधरी शामिल होंगे।" .
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